सीसीआई ने बुधवार को बयान में कहा, "प्रस्तावित संयोजन अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) और अदाणी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (एआईडीपीएल) या अदाणी समूह का हिस्सा बनने वाली किसी अन्य इकाई द्वारा जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) की 100 प्रतिशत तक शेयरधारिता के अधिग्रहण से संबंधित है।"
जेएएल वर्तमान में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, इलाहाबाद पीठ के निर्देशों के अनुसार दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), 2016 के तहत एक कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।
अदाणी समूह (Adani Group) का कारोबार एनर्जी, रिसोर्सेज, लॉजिस्टिक्स, मटेरियल और कृषि जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। एईएल, अदाणी समूह के पोर्टफोलियो की प्रमुख कंपनी है। एआईडीपीएल, अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और अदाणी समूह के सभी रियल्टी व्यवसायों की होल्डिंग कंपनी है।
जेएएल भी एक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी है और उसका कारोबार, इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, सीमेंट, पावर, रियल एस्टेट, फर्टिलाइजर, हॉस्पिटैलिटी और सपोर्ट्स आदि में फैला हुआ है।
दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के तहत, बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीआई से मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है।
सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्देश के अनुसार, प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत संयोजन के रूप में योग्य किसी भी समाधान योजना पर लेनदारों की समिति द्वारा मतदान करने से पहले सीसीआई की स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है।
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ को देय ऋण भुगतान में चूक के बाद, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के एक आदेश के बाद जेएएल को सीआईआरपी में शामिल किया गया था। लेनदारों ने जेएएल से 57,185 करोड़ रुपए के बकाये का दावा किया था।
बैंकों से जेएएल के ऋण प्राप्त करने के बाद, नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) अब दावेदारों की सूची में सबसे आगे है।
जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, दिल्ली के बाहरी इलाके में नोएडा में जेपी विशटाउन और जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं, जो एनसीआर में लगभग पूरी होने वाली हैं।
इसके पास मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट प्लांट और मध्य प्रदेश में कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें भी हैं। हालांकि, ये सीमेंट प्लांट बंद हैं।
इसके अलावा, कंपनी ने जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड और यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड में भी निवेश किया है।
[IANS/SS]