बॉलीवुड में अनिल कपूर के 40 साल, याद किए पुराने दिन (IANS) 
मनोरंजन

बॉलीवुड में अनिल कपूर के 40 साल, याद किए पुराने दिन

इन 40 वर्षों के पूरा होने के अवसर पर मैं 'द नाइट मैनेजर पार्ट 2 और एनिमल के साथ दो बेहद खास अवतारों में आपके पास आ रहा हूं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर (Anil Kapoor) ने शुक्रवार को एक अभिनेता के रूप में अपने करियर के चार दशक पूरे कर लिए। उन्होंने 1983 में सत्तीराजू लक्ष्मीनारायण (Sattiraju Lakshmi Narayan) द्वारा निर्देशित रोमांस ड्रामा फिल्म 'वो सात दिन' से हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया था। इस अवसर को चिन्हित करते हुए अभिनेता ने इंस्टाग्राम (Instagram) पर फिल्म के एक दृश्य का वीडियो पोस्ट किया और कैप्शन दिया, आज एक एक्टर और एंटरटेनर के रूप में मेरे 40 साल पूरे हो गए। दर्शकों, आपकी स्वीकृति, प्यार और आशीर्वाद के 40 साल पूरे हो गए।

उन्होंने लिखा, वे कहते है कि जब आप कुछ ऐसा कर रहे होते हैं जो आपको पसंद है, तो समय यूं ही निकल जाता है.. कोई आश्चर्य नहीं कि चार दशक पलक झपकने जैसा लगता है। मैं यहां से बिलॉन्ग करता हूं, मुझे यही करना है और मुझे यही बनना चाहिए।

उन्हें बड़ा बनाने में सहायता करने वालों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने लिखा: इतने सारे लोगों ने मुझे जीवन में इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की है, लेकिन मैं विशेष रूप से दिवंगत बापू साहब, मेरे भाई बोनी कपूर (Bony Kapoor) और मेरे पिता सुरिंदर कपूर को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और वो सात दिन में मुझे पहला मौका दिया.. मैं एक नवागंतुक का स्वागत करने में उनकी कृपा के लिए नसीरुद्दीन और पद्मिनी कोल्हापुरी का भी सदैव आभारी हूं।''

एक अभिनेता के रूप में अपने करियर के चार दशक पूरे (IANS)

उन्होंने कहा, उनके स्टारडम ने मुझे उम्मीद से कहीं अधिक चमकाया। आज मैं जो कुछ भी हूं उसका श्रेय इन दिग्गजों और आप सभी से मिले प्यार और स्वीकृति को जाता है। इन 40 वर्षों के पूरा होने के अवसर पर मैं 'द नाइट मैनेजर पार्ट 2 और एनिमल के साथ दो बेहद खास अवतारों में आपके पास आ रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि आप हमेशा की तरह मुझे प्यार और समर्थन देते रहेंगे।

--आईएएनएस/PT

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी

'कैप्टन कूल' सिर्फ नाम नहीं, अब बनने जा रहा है ब्रांड!