हिंदी सिनेमा की दुनिया में एक ऐसे महान हस्ती थे जो एक एक्टर भी थे डायरेक्टर भी और एक राइटर भी। [Wikimedia Commons] 
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50 साल का साथ और फिर भी अधूरी रही मोहब्बत, अशोक कुमार की दिल को छू लेने वाली कहानी

हिंदी सिनेमा की दुनिया में एक ऐसे महान हस्ती थे जो एक एक्टर भी थे डायरेक्टर भी और एक राइटर भी। हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार की। इन्होंने अपने फ़िल्मी करियर के दौरान वह सभी, शान, शोहरत, नाम पैसे सभी चीज कमाई लेकिन फिर भी वह अपने जीवन में अकेले थे।

न्यूज़ग्राम डेस्क

हिंदी सिनेमा की दुनिया में एक ऐसे महान हस्ती थे जो एक एक्टर भी थे डायरेक्टर भी और एक राइटर भी। हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार की। इन्होंने अपने फ़िल्मी करियर के दौरान वह सभी, शान, शोहरत, नाम पैसे सभी चीज कमाई लेकिन फिर भी वह अपने जीवन में अकेले थे। अक्सर अशोक कुमार की जिंदगी को देखकर उस समय के सभी एक्टर एक्ट्रेस प्रभावित हो जाया करते थे और उनकी तरह ही जीवन की मनोकामना करते थे लेकिन असलियत कुछ और ही थी। अक्सर बाहर से खूबसूरत और अच्छी दिखने वाली चीज अंदर से खोखली होती है, कुछ इसी प्रकार से अशोक कुमार का जीवन भी बाहर से चमक दमक और शान शोहरत से भरपूर था लेकिन अंदर से बिल्कुल खाली। तो चलिए आज हम आपको अशोक कुमार के जीवन के कुछ दिलचस्प किस्से बताते हैं।

अशोक कुमार का जीवन भी बाहर से चमक दमक और शान शोहरत से भरपूर था लेकिन अंदर से बिल्कुल खाली। [Wikimedia Commons]

एक शादी जिसे किया गया था अरेंज

अशोक कुमार के नाम कई अवार्ड्स है और कई सुपरहिट फिल्में हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अशोक कुमार की शादी उनके परिवार के द्वारा अरेंज करवाई गई थी यानी जिस एक्टर पर कई खूबसूरत ऐक्ट्रेस अपनी जान छिड़कती थी उनकी शादी उनके परिवार वालों ने तय की थी। अशोक कुमार जी ने अपने कई इंटरव्यूज में बताया है, कि जब वे मात्र 8 साल के थे तब उन्होंने अपनी पत्नी शोभा देवी को देखा था। लेकिन तब उन्हें नहीं पता था की शोभा देवी से ही उनकी शादी हो जाएगी। 17 साल बाद जब वह 25 साल के हुए तो उन्हें उनके परिवार वालों ने अचानक कोलकाता बुलाया और उन्हें रास्ते में बताया गया कि उनकी शादी तय हो चुकी है। पहले तो अशोक कुमार को काफी सदमा लगा, लेकिन उनके पास कोई और विकल्प नहीं था।

अशोक कुमार के नाम कई अवार्ड्स है और कई सुपरहिट फिल्में हैं। [Wikimedia Commons]

पहली बार रोटियां बेलती नज़र आई थीं शोभा देवी

जब पहली बार उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी शोभा देवी को देखा तो वह रोटियां बेल रही थी। उनके हाथों की सादगी और तेज़ी ने अशोक कुमार को प्रभावित किया। उन्होंने बाद में कहा था कि वही एक दृश्य था जिसने उन्हें इस रिश्ते से जोड़ दिया। शादी के वक्त वह फिल्मों में काम करना शुरू ही कर रहे थे, लेकिन उन्होंने शोभा को हमेशा प्राथमिकता दी। अशोक कुमार चाहे कितने भी व्यस्त रहते थे लेकिन हमेशा शाम के 6:30 बजे तक घर पहुंच जाया करते थे और शोभा देवी के साथ बैठकर रात का डिनर किया करते थे। अशोक कुमार को शोभा देवी के साथ बताएं यह पल काफी अच्छे लगते थे साथ ही शोभा देवी भी उनके समय से घर आ जाने और साथ बैठकर डिनर करने को लेकर काफी खुश रहा करती थी।

जब पहली बार उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी शोभा देवी को देखा तो वह रोटियां बेल रही थी। [Wikimedia Commos]

इस एक लत ने लाई रिश्ते में दरार

अशोक कुमार और शोभा देवी के बीच काफी प्रेम था, दोनों एक दूसरे का सम्मान भी करते थे और एक दूसरे का ख्याल भी रखते थे, इसी बीच शोभा देवी को शराब पीने की लत लग गई थी। दरअसल शादी के कई साल बाद जब अशोक कुमार फिल्मों में व्यस्त हो गए और देशभर में उनकी प्रसिद्धि फैलने लगी, उसी दौरान शोभा देवी ने शराब पीना शुरू कर दिया। शुरू में यह एक-दो गिलास तक सीमित था, लेकिन धीरे-धीरे यह लत बन गई। हर शाम वह नशे में धुत हो जाती थीं, जिससे परिवार और रिश्ते दोनों प्रभावित होने लगे। अशोक कुमार ने एक किस्सा बताया था, एक दिन अशोक कुमार ने ₹200000 लाकर अपनी पत्नी को संभाल कर रखने को दिए, जब अशोक कुमार ने दोबारा वह पैसे मांगे तो शोभा देवी नशे में पैसे के बारे में भूल चुकी थी। जिसके कारण अशोक कुमार को काफी नुकसान झेलना पड़ा और उनकी काफ़ी बेइज्जती भी हुई। इन घटनाओं के बाद शोभा देवी और अशोक कुमार के बीच दरारें आने लगी।

शादी के कई साल बाद जब अशोक कुमार फिल्मों में व्यस्त हो गए और देशभर में उनकी प्रसिद्धि फैलने लगी, उसी दौरान शोभा देवी ने शराब पीना शुरू कर दिया। [Wikimedia Commons]

अकेले हो चुके थे अशोक कुमार

शोभा देवी के शराब पीने की लत ने अशोक कुमार को काफी परेशान किया था। वे ज्यादातर समय बाहर ही बिताने लगे और इसी बीच उनके कई सारे अफेयर्स की भी चर्चाएं आने लगी। इसी बीच जब शोभा देवी के शराब की लत बढ़ने लगी तो उन्होंने अलग रहने का निर्णय लिया और मलाड का बंगला छोड़कर चेंबूर में एक नया घर बनाकर वहां रहने लगे। लेकिन शोभा देवी माफी मांगकर वापस लौट आईं, और उन्होंने फिर से साथ रहना शुरू किया। अशोक कुमार ने उन्हें एक और मौका दिया, लेकिन शराब की लत कभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई।शोभा की आदतों के बावजूद अशोक कुमार ने कभी उन्हें अकेला नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा था –

"मैंने हर मुमकिन कोशिश की कि वो बदल जाएं, लेकिन शराब का ज़हर बहुत गहरा था।"

इस बयान में एक पति का दर्द, समझदारी और प्रेम तीनों झलकते हैं।

वे ज्यादातर समय बाहर ही बिताने लगे और इसी बीच उनके कई सारे अफेयर्स की भी चर्चाएं आने लगी। [Wikimedia Commons]

नहीं माना पाए 50वी सालगिरह

एक इंटरव्यू में अशोक कुमार अपने जीवन की कहानी को बताते हुए कहते हैं कि उनकी शादी को 50 साल होने वाले थे और वह भी अधूरी रह गई। पूरा परिवार जश्न की तैयारी कर रहा था। लेकिन किस्मत को कुछ और मंज़ूर था। साल 1986 में, ऐन सालगिरह से दो दिन पहले, शोभा देवी अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गईं। अशोक कुमार ने बताया कि शोभा की आंखें आधी खुली थीं, शायद वो आखिरी बार उन्हें देखना चाहती थीं। इस घटना के बाद अशोक कुमार पूरी तरह से अकेले हो गए थे उनकी मोहब्बत ने उनका साथ छोड़ दिया, उनकी मोहब्बत अधूरी हो गई थी।

1986 में, ऐन सालगिरह से दो दिन पहले, शोभा देवी अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गईं। [Wikimedia Commons]

अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए अशोक कुमार

शोभा देवी की मृत्यु के बाद अशोक कुमार काफी अकेले थे। मृत्यु के बाद उन्होंने शोभा देवी के अंतिम संस्कार में भी शामिल होने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह उन्हें उसे रूप में नहीं देखना चाहते थे।

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अशोक कुमार की प्रेम कहानी एक फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी लगती है, सादगी से शुरू होकर संघर्ष और समर्पण तक जाती है। उन्होंने अपने जीवनसाथी को हर हाल में स्वीकार किया, लेकिन नशे की आदत ने उनके रिश्ते को धीरे-धीरे कमजोर किया। फिर भी उन्होंने न कभी शिकायत की, न रिश्ता तोड़ा। यह कहानी हमें सिखाती है कि प्यार में सब कुछ परफेक्ट नहीं होता, लेकिन समर्पण और समझदारी ही रिश्तों को टिकाए रखते हैं। [Rh/SP]

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