न्यूज़ग्राम हिंदी: बॉलीवुड के फेवरेट विलेन अमरीश पुरी (Amrish Puri) के बारे में तो आप सभी जानते हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मराठी फिल्म शंततु! कोर्ट चालू आहे से की थी और इस फिल्म में उन्होंने अंधे व्यक्ति की भूमिका अदा की थी। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर हम आपको उनकी बॉलीवुड में एंट्री की कहानी बताएंगे।
वह शुरुआत में एक बीमा एजेंट के रूप में कार्य करते थे। वह मदन पुरी (Madan Puri) के भाई हैं और जब वह फिल्मों में काम मांगने जाया करते थे तो सब उन्हें यह कहकर रिजेक्ट कर देते थे कि तुम्हारा चेहरा हीरो के लायक नहीं है जिससे उन्हें काफी निराशा हुई।
जब वह हीरो नहीं बन पाए तो उन्होंने थिएटर में काम करना शुरू कर दिया और उन्हें खूब ख्याति भी प्राप्त हुई। अपने 30 साल के करियर में उन्होंने 400 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया।
यह सुनकर आपको शायद आश्चर्य होगा कि रामायण (Ramayan) में रावण (Ravan) का रोल अरविंद त्रिवेदी (Arvind Trivedi) को देने से पहले अमरीश पुरी को पसंद किया गया था। रामायण में राम (Ram) का रोल निभाने वाले अरविंद गोविल (Arvind Govil) का यह मानना था कि वह इस रोल के लिए परफेक्ट है।
वहीं दूसरी ओर मोगेंबो के रोल के लिए अमरीश पुरी पहली पसंद नहीं थे। मोगैंबो के रोल के लिए निर्देशक शेखर कपूर ने अमरीश पुरी को बाद में पसंद किया उनकी पहली पसंद अनुपम खेर (Anupam Kher) थे। लेकिन अमरीश ने इस किरदार को निभा कर "मोगेंबो खुश हुआ" डायलॉग के साथ–साथ खुद को भी अमर कर दिया।
अमरीश ने अपनी करियर के दौरान नसीब, हीरो, अंधा कानून, दुनिया, कुर्बानी, मेरी जंग और सल्तनत जैसी कई फिल्मों में काम किया। उनके द्वारा इन फिल्मों में निभाए गए किरदार को आज भी याद किया जाता है।
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