Cannes Film Festival : पायल इससे पहले भी कान्स फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड जीत चुकी हैं। (Wikimedia Commons) 
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पायल कपाड़िया बनी ग्रैंड प्रिक्स अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला फिल्ममेकर

यह बात इतनी खास इसलिए है क्योंकि इस अवॉर्ड को जीतने वाली पायल भारत की पहली महिला फिल्ममेकर बन गई हैं। कान्स में पायल की फिल्म ‘ऑल वी इमैजिन एज़ लाइट’ का प्रीमियर 23 मई को हुआ था।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Cannes Film Festival : 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में भारत की पायल कपाड़िया ने जीत कर इतिहास रच दिया है। पायल की फिल्म ‘ऑल वी इमैजिन एज़ लाइट’ ने कान्स का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ग्रां प्री अपने नाम कर लिया है। यह बात इतनी खास इसलिए है क्योंकि इस अवॉर्ड को जीतने वाली पायल भारत की पहली महिला फिल्ममेकर बन गई हैं। कान्स में पायल की फिल्म ‘ऑल वी इमैजिन एज़ लाइट’ का प्रीमियर 23 मई को हुआ था। तब इसे 8 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला था। फिल्म की कहानी मुंबई में रहने वाली दो नर्स की है।

कौन हैं पायल कपाड़िया

पायल कपाड़िया का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल से पूरी की। इसके बाद वो वापस मुंबई लौट कर यहां सेंट ज़ेवियर कॉलेज़ से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेज़ुएशन किया। इसके बाद सोफिया कॉलेज़ से मास्टर्स की पढ़ाई की। फिर उन्होंने फिल्म डायरेक्शन की पढ़ाई के लिए फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में दाखिला लिया। पायल की मां नलिनी मालिनी भारत की फर्स्ट जनरेशन वीडियो आर्टिस्ट हैं।

कैसे की करियर की शुरूआत

पायल ने पहले करियर की शुरूआत शॉर्ट फिल्म से करना शुरू किया। उन्होंने 2014 में पहली फिल्म वाटरमेलन, फिश एंड हाफ घोस्ट बनाई थी। इसके बाद 2015 में आफ्टरनून क्लाउड्स, साल 2017 में द लास्ट मैंगो बिफोर मानसून बनाई। पायल ने 2018 में एंड व्हाट इज द समर सेइंग डॉक्यूमेंट्री भी बनाई थी।

फिल्म में कनी कुश्रुति, दिव्या प्रभा, छाया कदम, ऋधु हरूण और अज़ीस नेदुमंगड़ जैसे एक्टर्स ने काम किया है। (Wikimedia Commons)

फिल्म की कहानी

'ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट' एक मलयालम-हिन्दी फीचर है। फिल्म में कनी कुश्रुति, दिव्या प्रभा, छाया कदम, ऋधु हरूण और अज़ीस नेदुमंगड़ जैसे एक्टर्स ने काम किया है। इसकी कहानी में दो नर्स जिनका नाम प्रभा और अनु है वो साथ में रहती हैं। प्रभा की शादी अरेंज्ड है। उनका पति विदेश में रहता है। वहीं दूसरी तरफ अनु, प्रभा से छोटी हैं। उसकी शादी नहीं हुई। वो एक लड़के से प्यार करती हैं। प्रभा और अनु अपनी दो दोस्तों के साथ एक ट्रिप पर जाती हैं। जहां वो खुद की पहचान तलाशती हैं। उन्हें आज़ादी के मायने समझ आते हैं। ये फिल्म इस समाज में महिला होने, एक महिला का जीवन और उनकी आज़ादी जैसे मसलों पर बात करती है।

पहले भी जीत चुकी है अवार्ड

पायल इससे पहले भी कान्स फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड जीत चुकी हैं। उन्होंने 2021 में 'ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग' नाम की एक डॉक्यूमेंट्री डायरेक्ट की थी। जिसे कान्स फिल्म फेस्ट में 2021 में दी गोल्डन आई अवॉर्ड मिला था। ये अवॉर्ड फेस्टिवल की बेस्ट डॉक्यूमेंट्री को दिया जाता है।

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