सैफ अली खान एक तरफ बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाए रखते हैं, तो दूसरी ओर अपनी नवाबी विरासत को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। [Wikimedia commons] Rajanish Kakade
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नवाब सैफ की विरासत पर खतरा: 15,000 करोड़ की जायदाद पर कानूनी घमासान

सैफ अली खान (Saif Ali Khan) को अपने परदादा की 15,000 करोड़ रुपये की शाही विरासत (Legacy) गंवाने का खतरा है। अदालत ने पुराना फैसला पलटा है और ‘शत्रु संपत्ति’ कानून के तहत सरकार भी दावा ठोक रही है। अब उन्हें कानूनी लड़ाई में अपनी संपत्ति और पहचान दोनों बचानी होगी।

न्यूज़ग्राम डेस्क

बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan) को लोग 'नवाब' (Nawab) के नाम से भी जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सैफ अली खान सच में एक नवाबी खानदान से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें करीब 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति विरासत (Legacy) में मिली है ? पर अब यही विरासत कानूनी पेंच में फंस चुकी है और सैफ इसे खो भी सकते हैं। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के हाल ही में दिए आदेश के बाद सैफ अली खान को इस विरासत को बचाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

विरासत की कहानी: भोपाल के अंतिम नवाब से लेकर सैफ तक

सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के परदादा हमीदुल्ला खान, भोपाल रियासत के अंतिम नवाब थे। उनके पास कई बेशकीमती संपत्तियाँ थीं - जैसे भोपाल का नूर-उस-सबा पैलेस (जो अब एक लक्जरी होटल है), फ्लैगस्टाफ हाउस, और कई शाही बंगले व महल। हमीदुल्ला खान की दो बेटियाँ थीं, आबिदा सुल्तान – बड़ी बेटी, जो भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गईं। दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान – छोटी बेटी, जिन्होंने भारत में रहने का फैसला किया।

भारत में रहने के कारण साजिदा को उनके पिता की संपत्ति का वास्तविक उत्तराधिकारी माना गया। [Wikimedia Commons]

भारत में रहने के कारण साजिदा को उनके पिता की संपत्ति का वास्तविक उत्तराधिकारी माना गया। भारत सरकार ने 1962 में इसकी औपचारिक मंजूरी भी दे दी थी। साजिदा की शादी पटौदी रियासत के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुई, और उनसे हुए बेटे मंसूर अली खान पटौदी (पूर्व क्रिकेटर) के बाद यह विरासत (Legacy) सैफ अली खान तक पहुँची।

वर्ष 2000 में, एक निचली अदालत ने सैफ और उनके परिवार को इस संपत्ति का एकमात्र उत्तराधिकारी माना। इसमें सैफ की मां शर्मिला टैगोर और बहनें सोहा अली खान और सबा अली खान भी शामिल थीं। लेकिन कुछ अन्य रिश्तेदारों ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी। उनका तर्क था कि संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत होना चाहिए, यानी सभी वारिसों में बांटा जाना चाहिए। हाल ही में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इन आपत्तियों को सही माना और ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि वह इस मामले की पुनः जांच करे और एक साल में फैसला दे। इसका मतलब है कि अगर ट्रायल कोर्ट अपना पुराना फैसला पलटता है, तो सैफ अली खान को अपनी विरासत का एक बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ सकता है।

वर्ष 2000 में, एक निचली अदालत ने सैफ और उनके परिवार को इस संपत्ति का एकमात्र उत्तराधिकारी माना। [Wikimedia commons]

एक और मुश्किल सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के सामने खड़ी है, शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968। सरकार ने 2014 में सैफ को नोटिस भेजा था, जिसमें कहा गया कि यह संपत्ति शत्रु संपत्ति मानी जा सकती है, क्योंकि नवाब हमीदुल्ला खान की सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गई थीं और भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी। तो इस आधार पर सरकार का कहना है कि आबिदा असली उत्तराधिकारी थीं, और वो अब 'दुश्मन देश' की नागरिक हैं, इसलिए यह संपत्ति अब सरकार की संपत्ति मानी जाएगी। हालाँकि, सैफ का दावा है कि संपत्ति उन्हें साजिदा सुल्तान के माध्यम से मिली है, जिनकी वैध उत्तराधिकारिता को सरकार 1962 में पहले ही मान्यता दे चुकी थी।

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सैफ अली खान (Saif Ali Khan) ने इस सरकारी दावे के खिलाफ अदालत में याचिका डाली और उसके बाद अस्थायी राहत भी मिल गई थी। लेकिन दिसंबर 2024 में उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी और उन्हें अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया। इस बीच, जनवरी 2025 में सैफ अली खान पर एक व्यक्ति ने उनके घर में घुसकर चाकू से हमला कर दिया था। उन्हें एक हफ्ते तक अस्पताल में रहना पड़ा और सर्जरी के बाद भी काफी समय तक स्वास्थ्य लाभ की प्रक्रिया चली। ऐसे में यह साफ नहीं है कि उन्होंने समय पर अपील दायर की या नहीं, और अगर नहीं की, तो संपत्ति सरकार के अधीन जा सकती है।

सैफ अली खान (Saif Ali Khan) ने इस सरकारी दावे के खिलाफ अदालत में याचिका डाली [Wikimedia Commons]

निष्कर्ष

सैफ अली खान (Saif Ali Khan) एक तरफ बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाए रखते हैं, तो दूसरी ओर अपनी नवाबी विरासत (Legacy) को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मामला सिर्फ पैसों का नहीं, बल्कि इतिहास, विरासत और पहचान का है। अगर अदालत में उनका पक्ष कमजोर पड़ा, तो वे न सिर्फ अरबों की संपत्ति खो सकते हैं, बल्कि उनकी नवाबी पहचान भी सवालों के घेरे में आ जाएगी। [Rh/PS]

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