हम बात कर रहे हैं एक्ट्रेस सुरैया की, जिनका पूरा नाम सुरैया जमाल शेख था और उनका जन्म 15 जून 1929 में पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था।
सुरैया का जन्म लाहौर में हुआ, लेकिन उनका परिवार जल्दी ही मुंबई (Mumbai) शिफ्ट हो गया, जहाँ उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई की। हालाँकि उनके लिए फिल्मी दुनिया में कदम रखना बहुत आसान था, क्योंकि मामा एम. जहूर पहले से ही हिंदी सिनेमा में सक्रिय थे और विलेन बन अपनी पहचान बना चुके थे, लेकिन एक्ट्रेस को फिल्म इंडस्ट्री में पहला ब्रेक अदाकारा के तौर पर नहीं बल्कि सिंगर के तौर पर मिला। वह बचपन में ऑल इंडिया रेडियो पर गाती थीं, और उनकी आवाज को हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद साहब ने सुना और छोटी सी उम्र में ही सुरैय्या की झोली में फिल्म "शारदा" डाल दी, जिसमें उन्होंने "नई दुनिया" नाम का गाना गाया।
सुरैया ने निर्देशक के. आसिफ के साथ बतौर एक्ट्रेस पर्दे पर कदम रखा। एक्ट्रेस को इस फिल्म के लिए 40 हजार रुपये दिए थे। इसके बाद उन्होंने 'प्यार की जीत', 'अनमोल घड़ी', 'परवाना', 'उमर खय्याम', और 'दर्द' जैसी फिल्मों में काम किया और बड़ी उपलब्धि हासिल की। माना जाता है कि फिल्मी दुनिया में बतौर एक्ट्रेस उन्हें के एल सहगल का बहुत साथ मिला। दोनों ने साथ में कई फिल्में की और फिर उनकी सिफारिशों के बाद सुरैया को फिल्म और कामयाबी दोनों मिलने लगी।
1950 के दशक में सुरैया (Suraiya) फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन गई थी और उनकी पॉपुलैरिटी उनके लिए श्राप। उनकी एक झलक देखने के लिए फैंस की भीड़ घर के बाहर और सिनेमाघरों के बाहर इंतजार करती थी। सुरैया को छिपकर घर से निकलना पड़ता था और पुलिस की सुरक्षा लेनी पड़ती थी। एक बार एक्ट्रेस का फैन उनके शादी करने के लिए बारात लेकर उनके घर पहुंचा था और मुंहदिखाई में 2 लाख के गहने भी लाया था।
घर के आगे से उस दीवाने फैन को हटाने के लिए पुलिस का सहारा लिया था। इसके अलावा फैंस की बढ़ती भीड़ की वजह से एक्ट्रेस ने फिल्मों के प्रीमियर तक पर जाना छोड़ दिया था। एक्टर-डारेक्टर सभी चाहते थे कि वो फिल्म के प्रीमियर में आए लेकिन हालात ऐसे बन जाते हैं कि कई बार प्रीमियर कैंसिल करना पड़ जाता है।
(BA)