Summary
जयपुर की स्थापना, फ्रांस–ऑस्ट्रिया शांति समझौता, अमेरिका–निकारागुआ संघर्ष और MAVEN मिशन जैसी घटनाएँ इस दिन को राजनीतिक, वैज्ञानिक और वैश्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती हैं। भारतीय संदर्भ में स्टीमर दुर्घटना और बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना भी प्रमुख हैं।
कमलनाथ, बटुकेश्वर दत्त और कृष्णामाचार्य जैसे महान व्यक्तित्वों का जन्म इस दिन हुआ, जिन्होंने राजनीति, स्वतंत्रता संग्राम और योग को नई दिशा दी। मृदुला सिन्हा, ज्योति प्रकाश निराला और कनिंघम की मृत्यु इस दिन इतिहास को भावपूर्ण संदर्भ देती है।
राष्ट्रीय औषधि दिवस, विश्व वयस्क दिवस और मिर्गी दिवस समाज, स्वास्थ्य और जागरूकता से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश देते हैं। ये दिवस नागरिक सुरक्षा, वरिष्ठजनों के सम्मान और मिर्गी से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करने पर जोर देते हैं।
हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं।18 नवंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 18 नवंबर (History Of 18th November) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
जयपुर शहर की स्थापना
महाराजा जय सिंह द्वितीय ने 1727 में जयपुर शहर की स्थापना की, जिसे भारत का पहला सुव्यवस्थित नियोजित शहर माना जाता है। शहर की रूपरेखा बंगाल के प्रसिद्ध वास्तुकार विद्याधर चक्रवर्ती ने तैयार की। वास्तुशिल्प, ज्योतिष और वैज्ञानिक योजना का अनोखा मेल इसे ऐतिहासिक रूप से विशेष बनाता है।
फ्रांस–ऑस्ट्रिया शांति समझौता
1738 में फ्रांस और ऑस्ट्रिया के बीच हुआ यह शांति समझौता यूरोपीय शक्ति संघर्ष को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था। लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों और राजनीतिक तनाव के बाद हुए इस समझौते ने क्षेत्रीय स्थिरता की नींव रखी और यूरोप में कूटनीतिक संबंधों को नया संतुलन दिया।
अमेरिका का निकारागुआ पर हमला
1909 में अमेरिका ने मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ पर सैन्य हस्तक्षेप किया। यह हस्तक्षेप वहां की राजनीतिक अस्थिरता और अमेरिकी रणनीतिक हितों से जुड़ा था। इस घटना ने निकारागुआ की संप्रभुता और अमेरिकी हस्तक्षेपवाद पर वैश्विक बहस को गहरा किया।
‘नारायणी’ स्टीमर दुर्घटना
1948 में पटना के पास ‘नारायणी’ स्टीमर दुर्घटनाग्रस्त होकर डूब गया, जिसमें लगभग 500 लोगों की मृत्यु हुई। यह बिहार के इतिहास की सबसे भीषण जल दुर्घटनाओं में से एक मानी जाती है। दुर्घटना ने नदी परिवहन सुरक्षा, निगरानी और आपदा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए।
ब्रिटिश सेना ने इस्मालिया पर कब्ज़ा किया
1951 में ब्रिटिश सेना ने मिस्र के इस्मालिया क्षेत्र पर सैन्य कब्ज़ा कर राजनीतिक तनाव बढ़ाया। नहर क्षेत्र की सामरिक स्थिति और औपनिवेशिक हित इस टकराव के प्रमुख कारण थे। यह घटना मिस्र के स्वतंत्रता संग्राम और पश्चिमी नियंत्रण के खिलाफ संघर्ष में महत्वपूर्ण मोड़ बनी।
बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया
1972 में भारत सरकार ने जैव-विविधता संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता को मजबूत करने के लिए बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया। उसी वर्ष ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ भी शुरू किया गया। यह निर्णय भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक पहल माना जाता है।
महिंदा राजपक्षे बने राष्ट्रपति
2005 में महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। चुनावों के बीच इराक में बम विस्फोट से 44 लोगों की मौत और उत्तर कोरिया के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर संयुक्त राष्ट्र की चिंता भी समाचारों में रही। यह साल अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक तनावों से भरा रहा।
भारत सरकार का आर्थिक पैकेज
2008 की वैश्विक मंदी के दौरान भारत सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये आधारभूत परियोजनाओं के लिए देने का फैसला किया। नटवर सिंह का बसपा से निष्कासन, यूपी मुख्य सूचना आयुक्त एम.ए. खान पर निलंबन जारी रहने का आदेश और भारत-मिस्र के बीच पाँच समझौते भी प्रमुख घटनाएँ रहीं।
नासा का MAVEN मिशन
2013 में नासा ने मंगल ग्रह के वातावरण और जलवायु इतिहास का अध्ययन करने के लिए MAVEN अंतरिक्ष यान भेजा। यह मिशन लाल ग्रह की परतों, गैसों और उसके परिवर्तनशील वातावरण को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया। इससे मंगल पर जीवन की संभावनाओं पर भी शोध को गति मिली।
मानुषी छिल्लर बनीं मिस वर्ल्ड
2017 में भारत की मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर देश का नाम रोशन किया। उनकी उपलब्धि दो दशक बाद भारत के लिए बड़ी सफलता थी। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी मानुषी की सामाजिक पहल और व्यक्तित्व ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग पहचान दिलाई।
कमलनाथ
कमलनाथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं। लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। उद्योग, शहरी विकास और वाणिज्य क्षेत्रों में उनके योगदान को जाना जाता है। वे भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक हैं।
सी. एन. बालकृष्णन
सी. एन. बालकृष्णन केरल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सरकार में मंत्री रहे। शराबबंदी नीति, वित्तीय सुधार और सामाजिक कल्याण योजनाओं में उनकी भूमिका उल्लेखनीय थी। वे अपनी सरल कार्यशैली, जनता से जुड़ाव और प्रशासनिक समझ के लिए जाने जाते हैं। केरल राजनीति में उनका योगदान विशेष माना जाता है।
बटुकेश्वर दत्त
बटुकेश्वर दत्त भारत के महान क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर सेंट्रल असेंबली में बम फेंककर ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार संदेश दिया। जेल में कठोर यातना सहने के बावजूद वे अडिग रहे। उनका योगदान स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में अमर है।
तिरुमलाई कृष्णामाचार्य
तिरुमलाई कृष्णामाचार्य आधुनिक योग के जनक माने जाते हैं। वे योगाचार्य, आयुर्वेदिक वैद्य और महान विद्वान थे। उनके शिष्यों ने विश्वभर में योग का प्रसार किया। उन्होंने विन्यास, आसन और प्राणायाम को वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया, जिससे योग आज वैश्विक पद्धति के रूप में स्थापित हुआ।
मृदुला सिन्हा
मृदुला सिन्हा भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता, लेखिका और गोवा की राज्यपाल रहीं। उन्होंने सामाजिक मुद्दों, महिला सशक्तिकरण और साहित्यिक लेखन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी राजनीति और साहित्य दोनों क्षेत्रों में सक्रिय उपस्थिति ने उन्हें एक प्रभावशाली सार्वजनिक व्यक्तित्व बनाया।
ज्योति प्रकाश निराला
ज्योति प्रकाश निराला भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो थे, जिन्हें असाधारण वीरता के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी बहादुरी, सामरिक बुद्धिमानी और कर्तव्यनिष्ठा उन्हें आधुनिक भारत के साहसिक सैनिकों में शामिल करती है।
एस. वी. कृष्णमूर्ति राव
एस. वी. कृष्णमूर्ति राव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय राजनेता थे। उन्होंने सामाजिक कल्याण, ग्रामीण विकास और संगठनात्मक कामों में उल्लेखनीय योगदान दिया। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में वे जनसेवा के लिए जाने जाते थे। उनकी राजनीतिक यात्रा सरलता, प्रतिबद्धता और जमीनी जुड़ाव से परिपूर्ण रही।
अलेक्ज़ेंडर कनिंघम
अलेक्ज़ेंडर कनिंघम ब्रिटिश पुरातत्ववेत्ता थे, जिन्हें "भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण का पिता" कहा जाता है। उन्होंने भारतीय इतिहास, स्मारकों और प्राचीन नगरों के अन्वेषण को व्यवस्थित ढंग से दर्ज किया। उनके शोध कार्यों ने भारतीय पुरातत्व को वैज्ञानिक आधार देने में निर्णायक भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय औषधि दिवस (सप्ताह)
राष्ट्रीय औषधि दिवस या औषधि जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित, सस्ती और प्रभावी दवाओं के महत्व के बारे में जागरूक करना है। इस सप्ताह में दवा गुणवत्ता, दुष्प्रभाव, जन-औषधि उपलब्धता, जेनेरिक दवाओं का उपयोग और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया जाता है। चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ जनमानस को सही दवा उपयोग, डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक के पालन तथा स्वयं-चिकित्सा से होने वाले संभावित खतरों के बारे में जानकारी देते हैं। इसका मुख्य लक्ष्य दवाओं की वैज्ञानिक समझ बढ़ाना और सभी नागरिकों को सुरक्षित उपचार सुनिश्चित करना है।
विश्व वयस्क दिवस
विश्व वयस्क दिवस का उद्देश्य समाज में वयस्कों विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों, अधिकारों और सम्मान पर ध्यान केंद्रित करना है। तेजी से बदलते सामाजिक ढांचे में वयस्कों को स्वास्थ्य, सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और मानसिक कल्याण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह दिवस उनके अनुभव, ज्ञान और समाज निर्माण में उनकी भूमिका को सराहने का अवसर देता है। विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से वृद्धजन के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार की महत्ता को रेखांकित किया जाता है। यह दिन याद दिलाता है कि एक संवेदनशील समाज अपने वयस्कों को सम्मान और सहयोग देता है।
मिर्गी दिवस
मिर्गी दिवस का उद्देश्य इस न्यूरोलॉजिकल बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना, मिथकों को दूर करना और मरीजों के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना है। मिर्गी दौरे (सीज़र्स) से जुड़ी होती है, जो मस्तिष्क की असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होते हैं। इस दिन चिकित्सा विशेषज्ञ जनता को इसके लक्षण, कारण, उपचार और प्राथमिक सहायता के बारे में शिक्षित करते हैं। मिर्गी से पीड़ित लोगों को अक्सर सामाजिक भेदभाव और डर का सामना करना पड़ता है; इसलिए यह दिवस सहानुभूति, सही जानकारी और समय पर उपचार की आवश्यकता पर जोर देता है। जागरूकता से मरीजों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।