23 दिसंबर के दिन इतिहास (History Of 23rd December) के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं Sora Ai
इतिहास

23 दिसंबर का इतिहास: कोलकाता नामकरण से लेकर किसान दिवस तक जानें क्या है ख़ास!

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

Author : Sarita Prasad

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 23 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 23 दिसंबर (History Of 23rd December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।

23 दिसंबर की खास घटनाएं

सत्यम पर प्रतिबंध

सन् 2008 में सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम (Satyam) पर विश्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया। यह कार्रवाई कंपनी में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण की गई। इस फैसले ने कॉर्पोरेट जगत में पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े किए।

गोविंद मिश्र सम्मान

सन् 2008 में प्रसिद्ध कथाकार गोविंद मिश्र को उनके उपन्यास कोहरे के क़ैद रंग (Kohre Ke Kaid Rang) के लिए हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। यह सम्मान हिन्दी साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान और संवेदनशील लेखन शैली के लिए प्रदान किया गया।

पाकिस्तान आपातकाल

सन् 2007 में पाकिस्तान में लगाए गए आपातकाल (Emergency In Pakistan) को वहां की अदालत ने सही ठहराया। इस फैसले ने देश की राजनीति और न्यायिक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला तथा लोकतंत्र को लेकर नई बहस छेड़ दी।

गाजा पर हमला

सन् 2003 में इस्रायल ने गाजा पट्टी (Gaza Strip) पर सैन्य हमला किया। इस कार्रवाई में कई लोग प्रभावित हुए और मध्य-पूर्व में तनाव और बढ़ गया। यह घटना इस्रायल-फिलिस्तीन संघर्ष की गंभीरता को दर्शाती है।

महिला क्रिकेट खिताब

सन् 2000 में न्यूजीलैंड की महिला क्रिकेट टीम (New Zealand women's cricket team) ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व महिला क्रिकेट खिताब जीता। यह जीत महिला क्रिकेट के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

कोलकाता नामकरण

सन् 2000 में पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर कोलकाता (Kolkata) किया गया। यह बदलाव स्थानीय भाषा और संस्कृति को सम्मान देने के उद्देश्य से किया गया।

डाबवाली अग्निकांड

सन् 1995 में हरियाणा के मंडी डाबवाली (Dabwali fire incident) में एक स्कूल कार्यक्रम के दौरान भीषण आग लग गई। इस हादसे में लगभग 360 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर बच्चे थे। यह भारत की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है।

चंद्र पत्थर प्रदर्शनी

सन् 1969 में चंद्रमा से लाए गए पत्थरों को राजधानी में आयोजित एक प्रदर्शनी में रखा गया। लोगों ने पहली बार चंद्रमा से आए नमूनों को देखा, जिससे अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति उत्साह बढ़ा।

मॉरिशस सरकार गठन

सन् 1976 में सर शिवसागर रामगुलाम ने मॉरिशस में मिली-जुली सरकार का गठन किया। उन्होंने देश की राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेनका रॉकेट

सन् 1968 में भारत ने मौसम संबंधी अपने पहले रॉकेट ‘मेनका’ (Menka) का सफल प्रक्षेपण किया। यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआती और महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक था।

स्वामी श्रद्धानंद हत्या

सन् 1926 में आर्य समाज के प्रचारक और विद्वान स्वामी श्रद्धानंद की हत्या कर दी गई। वे सामाजिक सुधार, शिक्षा और धार्मिक एकता के समर्थक थे।

विश्व-भारती उद्घाटन

सन् 1921 में रवींद्रनाथ टैगोर (Ravindra Nath Tagore) द्वारा स्थापित विश्व-भारती विश्वविद्यालय का उद्घाटन हुआ। यह संस्थान भारतीय संस्कृति, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय विचारों का प्रमुख केंद्र बना।

प्रथम विश्व युद्ध

सन् 1914 में प्रथम विश्व युद्ध (First World War) के दौरान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सेनाएं मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचीं। यह सैनिकों की रणनीतिक तैनाती का अहम चरण था।

दिल्ली राजधानी घोषणा

सन् 1912 में वायसराय लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ने नई दिल्ली (Delhi) को भारत की राजधानी घोषित करने के लिए शहर में प्रवेश किया। इस दौरान हुए बम विस्फोट में वे घायल हो गए।

चौधरी चरण सिंह जन्म

सन् 1902 में चौधरी चरण सिंह का जन्म (Chaudhary Charan Singh birthday) हुआ, जो आगे चलकर भारत के सातवें प्रधानमंत्री बने। वे किसानों के हितों के प्रबल समर्थक और सादगीपूर्ण राजनीति के लिए जाने जाते थे।

ब्रह्मचर्य आश्रम

सन् 1901 में शांतिनिकेतन में ब्रह्मचर्य आश्रम को औपचारिक रूप से खोला गया। यह आश्रम आगे चलकर शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना।

पूस मेला

सन् 1894 में रवींद्रनाथ टैगोर ने शांतिनिकेतन में पूस मेले का उद्घाटन किया। यह मेला ग्रामीण संस्कृति, कला और लोकजीवन को बढ़ावा देने का माध्यम बना।

23 दिसंबर को जन्मे लोग


शिव कुमार सुब्रमण्यम

सन् 1959 में जन्मे शिव कुमार सुब्रमण्यम (Shiv Kumar Subramaniam) दिग्गज भारतीय अभिनेता और पुरस्कार विजेता लेखक थे। उन्होंने फ़िल्मों और रंगमंच में गंभीर भूमिकाएँ निभाईं। उनकी लेखनी और अभिनय में सामाजिक संवेदनशीलता साफ दिखाई देती थी, जिससे वे दर्शकों के बीच विशेष पहचान बना सके।

अरुण बाली

सन् 1942 में जन्मे अरुण बाली (Arun Baali) प्रसिद्ध टेलीविजन और फ़िल्म अभिनेता थे। उन्होंने कई लोकप्रिय धारावाहिकों और फिल्मों में प्रभावशाली भूमिकाएँ निभाईं। उनके अभिनय में सादगी और गहराई थी, जिससे वे लंबे समय तक दर्शकों के दिलों में बने रहे।

चौधरी चरण सिंह

सन् 1902 में जन्मे चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री थे। वे किसानों की आवाज़ बुलंद करने वाले प्रखर नेता माने जाते थे। कृषि सुधार, ग्रामीण विकास और सादगीपूर्ण राजनीति उनके जीवन की प्रमुख विशेषताएँ रहीं।

रामवृक्ष बेनीपुरी

सन् 1899 में जन्मे रामवृक्ष बेनीपुरी (Ramvriksha Benipuri) प्रसिद्ध साहित्यकार और क्रांतिकारी थे। वे उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, नाटककार, पत्रकार और संपादक के रूप में सक्रिय रहे। उनके लेखन में देशभक्ति, सामाजिक चेतना और जनसंघर्ष की झलक मिलती है।

रास बिहारी घोष

सन् 1845 में जन्मे रास बिहारी घोष (Ras Bihari Ghosh) भारतीय राजनीतिज्ञ, प्रसिद्ध अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधार के लिए कार्य किया। वे न्याय, शिक्षा और जनहित के मुद्दों पर मुखर आवाज़ के रूप में जाने जाते थे।

23 दिसंबर को इन महान हस्तियों का निधन हुआ

श्याम बेनेगल

सन् 2024 में श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) को हिन्दी सिनेमा के अग्रणी फिल्म निर्देशक के रूप में याद किया गया। उन्होंने समानांतर सिनेमा को नई पहचान दी। उनकी फिल्मों में सामाजिक यथार्थ, मानवीय संवेदनाएँ और सशक्त कथानक प्रमुख रहे, जिससे भारतीय सिनेमा समृद्ध हुआ।

के. करुणाकरन

सन् 2010 में के. करुणाकरन (K. Karunakaran) का निधन हुआ। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे। उन्होंने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विकास तथा प्रशासनिक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया।

नूरजहाँ

सन् 2000 में प्रसिद्ध अभिनेत्री और गायिका नूरजहाँ (Noorjahan) का निधन हुआ। उन्होंने भारतीय और पाकिस्तानी सिनेमा में काम किया। उनकी मधुर आवाज़ और अभिनय ने उन्हें संगीत और फिल्म जगत की महान हस्तियों में शामिल किया।

पी. वी. नरसिंह राव

सन् 2004 में पामुलापति वेंकट नरसिंह राव (P. V. Narasimha Rao) का निधन हुआ। वे भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे। उनके कार्यकाल में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुई, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।

23 दिसंबर के ख़ास दिन

किसान दिवस

किसान दिवस (Farmer's Day) हर वर्ष 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह को किसानों का सच्चा नेता माना जाता है। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में किसानों, मजदूरों और ग्रामीण समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। कृषि सुधार, भूमि सुधार और किसान हित उनकी नीतियों का मुख्य आधार रहे। किसान दिवस का उद्देश्य किसानों के योगदान को सम्मान देना और उनकी समस्याओं के प्रति समाज व सरकार को जागरूक करना है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की भूमिका और उनके महत्व को रेखांकित किया जाता है।