22 दिसंबर का इतिहास: जेएनयू की स्थापना से लेकर राष्ट्रीय गणित दिवस तक जानें क्या है ख़ास!

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं।
22 दिसंबर (History Of 22nd December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को चित्रों के माध्यम से दिखाया गया है
22 दिसंबर (History Of 22nd December) के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैंAi
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Summary
  • 22 दिसंबर को दुनिया और भारत में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक व सैन्य घटनाएँ हुईं, जैसे सेना में समान अधिकार, संवैधानिक बदलाव और अंतरराष्ट्रीय बैठकें।

  • इस दिन अंतरिक्ष प्रक्षेपण, परमाणु परीक्षण, पहली मालगाड़ी और जेएनयू जैसे संस्थानों की स्थापना हुई।

  • 22 दिसंबर को रामानुजन, गुरु गोविंद सिंह जैसे महान व्यक्तित्वों का जन्म हुआ और कई विभूतियों का निधन भी हुआ।

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 22 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 22 दिसंबर (History Of 22nd December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।

22 दिसंबर की खास घटनाएं

सेना में समलैंगिकों की अनुमति

सन् 2010 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने एक महत्वपूर्ण कानून पर हस्ताक्षर किए। इस कानून से सेना में समलैंगिक लोगों को खुलकर सेवा करने की अनुमति मिली। इससे भेदभाव कम हुआ और समान अधिकारों की दिशा में अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया।

सशस्त्र बल वेतन रिपोर्ट

सन् 2008 में सशस्त्र बलों के वेतन में विसंगतियों को लेकर बने मंत्रियों के समूह ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी। इस रिपोर्ट का उद्देश्य सैनिकों के वेतन और भत्तों में सुधार करना था।

एरियन रॉकेट प्रक्षेपण

सन् 2007 में फ्रेंच गुआना के गौस अंतरिक्ष केंद्र से यूरोप का एरियन रॉकेट प्रक्षेपित किया गया। इस रॉकेट ने सफलतापूर्वक अंतरिक्ष कक्षा में दो उपग्रह स्थापित किए, जिससे अंतरिक्ष विज्ञान को मजबूती मिली।

भारत-पाक संयुक्त कार्यदल

सन् 2006 में भारत और पाकिस्तान ने स्थानीय निकायों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्यदल बनाया। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संवाद बढ़ाना और जमीनी स्तर पर सहयोग को मजबूत करना था।

दक्षेस बैठक काठमांडू

सन् 2002 में दवाओं के दुरुपयोग के मुद्दे पर दक्षेस देशों के स्वयंसेवी संगठनों की तीन दिवसीय बैठक काठमांडू में शुरू हुई। बैठक का उद्देश्य नशाखोरी रोकने के उपायों पर चर्चा करना था।

रोमानिया में सत्ता परिवर्तन

सन् 1989 में रोमानिया के राष्ट्रपति चाऊशेस्क्यू का तख्ता पलट हुआ। वे देश छोड़कर भागने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिए गए। इस घटना ने रोमानिया में तानाशाही शासन का अंत कर दिया।

थाईलैंड का संविधान

सन् 1978 में थाईलैंड ने नया संविधान अपनाया। इस संविधान के माध्यम से देश में शासन व्यवस्था को नया रूप दिया गया और नागरिक अधिकारों को परिभाषित किया गया।

सोवियत परमाणु परीक्षण

सन् 1971 में तत्कालीन सोवियत संघ ने जमीन के नीचे परमाणु परीक्षण किया। यह परीक्षण शीत युद्ध के दौर में शक्ति प्रदर्शन और सैन्य क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था।

जेएनयू की स्थापना

सन् 1966 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली की स्थापना की गई। यह विश्वविद्यालय जेएनयू अधिनियम के तहत संसद द्वारा स्थापित हुआ और उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र बना।

नेवादा परमाणु परीक्षण

सन् 1961 में अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया। यह परीक्षण शीत युद्ध के समय किया गया था, जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच सैन्य प्रतिस्पर्धा चरम पर थी।

इटली का नया संविधान

सन् 1947 में इटली की संसद ने नया संविधान अंगीकार किया। यह संविधान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाया गया था।

रूजवेल्ट-चर्चिल बैठक

सन् 1941 में अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल वॉशिंगटन में मिले। बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध की रणनीति पर चर्चा हुई।

रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी

सन् 1940 में मानवेंद्र नाथ राय ने रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना की घोषणा की। यह पार्टी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समाज सुधार के विचारों पर आधारित थी।

डाक बचत पत्र

सन् 1910 में अमेरिका में पहली बार डाक बचत पत्र जारी किए गए। इसका उद्देश्य आम लोगों को सुरक्षित बचत की सुविधा देना और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना था।

पहली मालगाड़ी

सन् 1851 में भारत में पहली मालगाड़ी रुड़की से पिरन के बीच चलाई गई। इसने औद्योगिक विकास और परिवहन व्यवस्था को गति दी।

देवेंद्रनाथ टैगोर

सन् 1843 में रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ब्रह्म समाज में शामिल हुए। इससे समाज सुधार और धार्मिक चेतना को नया मार्ग मिला।

22 दिसंबर को जन्मे लोग


रामानुजन

सन् 1887 में जन्मे श्रीनिवास अयंगर रामानुजन भारत के महान गणितज्ञ थे। उन्होंने बिना औपचारिक शिक्षा के गणित में अद्भुत खोजें कीं। उनके सूत्र और सिद्धांत आज भी विश्वभर में गणित के क्षेत्र में उपयोग किए जाते हैं।

गुरु गोविंद सिंह

सन् 1666 में जन्मे गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की और साहस, त्याग व समानता का संदेश दिया। वे एक महान योद्धा, कवि और आध्यात्मिक गुरु थे।

22 दिसंबर को इन महान हस्तियों का निधन हुआ

माधवी सरदेसाई

सन् 2014 में माधवी सरदेसाई का निधन हुआ। वे एक प्रमुख महिला साहित्यकार थीं और कोंकणी भाषा के साहित्यिक जर्नल ‘जाग’ की संपादक रहीं। उन्होंने कोंकणी साहित्य के विकास और महिला लेखन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

वसन्त देसाई

सन् 1975 में प्रसिद्ध संगीतकार वसन्त देसाई का निधन हुआ। वे भारतीय सिनेमा जगत् के जाने-माने संगीतकार थे। उन्होंने ‘झनक-झनक पायल बाजे’ और ‘गूंज उठी शहनाई’ जैसी फिल्मों में यादगार संगीत दिया।

तारकनाथ दास

सन् 1958 में तारकनाथ दास का निधन हुआ। वे भारत के प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थे। उन्होंने विदेशों में रहकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया और अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध जनमत तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।

22 दिसंबर के ख़ास दिन

राष्ट्रीय गणित दिवस

राष्ट्रीय गणित दिवस (रामानुजन स्मृति दिवस) हर वर्ष 22 दिसंबर को महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य गणित के प्रति रुचि बढ़ाना और विद्यार्थियों में तार्किक सोच विकसित करना है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में गणित से जुड़े कार्यक्रम, प्रतियोगिताएँ और व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। रामानुजन ने सीमित संसाधनों के बावजूद गणित में अद्भुत योगदान दिया, जिनका प्रभाव आज भी विश्वभर में देखा जाता है। राष्ट्रीय गणित दिवस उनके योगदान को सम्मान देने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने का अवसर है।

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