26 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय समझौते, राजनीतिक दलों की स्थापना और बड़े फैसले हुए।
इस दिन भूकंप, सुनामी जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाएं हुईं, जिनसे दुनिया हिल गई।
26 दिसंबर को कई महान स्वतंत्रता सेनानियों, साहित्यकारों और नेताओं का जन्म व निधन हुआ।
हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 26 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 26 दिसंबर (History Of 26th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
फ्रांस–ऑस्ट्रिया समझौता
1748 में फ्रांस और ऑस्ट्रिया के बीच दक्षिणी हॉलैंड को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता यूरोप में लंबे समय से चल रहे संघर्षों को समाप्त करने की दिशा में था। इससे दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों में स्थिरता आई।
पहली क्रॉस कंट्री मोटर रैली
1904 में दिल्ली से मुंबई के बीच भारत की पहली क्रॉस कंट्री मोटरकार रैली का उद्घाटन हुआ। यह रैली भारत में मोटर परिवहन और ऑटोमोबाइल इतिहास की शुरुआत मानी जाती है। इससे लंबी दूरी की सड़क यात्रा को बढ़ावा मिला।
तुर्की में नया कैलेंडर
1925 में तुर्की ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को आधिकारिक रूप से अपनाया। यह फैसला देश को आधुनिक और पश्चिमी प्रणाली से जोड़ने के उद्देश्य से लिया गया। इससे तुर्की के प्रशासन और सामाजिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना
1925 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई। इस पार्टी ने मजदूरों, किसानों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई। आगे चलकर पार्टी ने भारतीय राजनीति और मजदूर आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इंदिरा गांधी की रिहाई
1978 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जेल से रिहा किया गया। आपातकाल के बाद यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना थी। उनकी रिहाई ने भारतीय राजनीति में नई हलचल और बहस को जन्म दिया।
बीजू जनता दल की स्थापना
1997 में ओडिशा की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) की स्थापना नवीन पटनायक ने की। यह पार्टी उनके पिता बीजू पटनायक के आदर्शों से प्रेरित थी। बाद में बीजद राज्य की सशक्त राजनीतिक शक्ति बनी।
कांगो में फिर संघर्ष
2002 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में फिर से संघर्ष शुरू होने की सूचना दी। यह संघर्ष राजनीतिक अस्थिरता और गृहयुद्ध के कारण हुआ। इससे वहां मानवीय संकट और गहरा गया।
ईरान में भूकंप त्रासदी
2003 में ईरान के दक्षिण-पूर्वी शहर बाम में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया। इस आपदा में हजारों लोगों की जान गई और ऐतिहासिक इमारतें नष्ट हो गईं। यह ईरान की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक थी।
सुनामी की महाविनाश लीला
2004 में 9.3 तीव्रता के भूकंप से आई सुनामी ने भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया सहित कई देशों में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में लगभग 2 लाख 30 हजार लोगों की मौत हुई। यह विश्व की सबसे घातक सुनामी थी।
शेन वार्न का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
2006 में ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज़ शेन वार्न ने टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट पूरे किए। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे पहले खिलाड़ी बने। उनके इस रिकॉर्ड ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में अमर बना दिया।
तुर्की का सैन्य हमला
2007 में तुर्की के विमानों ने इराक के कुर्द ठिकानों पर हमले किए। यह कार्रवाई सुरक्षा कारणों से की गई थी। इस घटना ने पश्चिम एशिया में तनाव को और बढ़ा दिया।
शतरंज में तानिया की उपलब्धि
2008 में तानिया ने कृतिका को हराकर संयुक्त शीर्ष स्थान हासिल किया। यह जीत भारतीय महिला शतरंज के लिए महत्वपूर्ण मानी गई। इससे युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
दुनिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड रेल मार्ग
2012 में चीन ने बीजिंग से ग्वांगझू तक दुनिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड रेल मार्ग शुरू किया। इस परियोजना ने यात्रा समय को काफी कम किया। यह चीन की तकनीकी और बुनियादी ढांचे की बड़ी उपलब्धि थी।
अमर शहीद ऊधम सिंह
26 दिसंबर 1899 को अमर शहीद ऊधम सिंह का जन्म हुआ। वे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए ब्रिटिश अधिकारी माइकल ओ’डायर को मारकर देश की आज़ादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
प्रकाश आम्टे
26 दिसंबर 1948 को प्रकाश आम्टे का जन्म हुआ। वे प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और चिकित्सक हैं। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। उनका जीवन सेवा और मानवता की मिसाल है।
विद्यानंद जी महाराज
26 दिसंबर 1935 को विद्यानंद जी महाराज का जन्म हुआ। वे भारत के प्रसिद्ध संत-महात्माओं में गिने जाते हैं। उन्होंने अध्यात्म, नैतिक मूल्यों और साधना के माध्यम से समाज को सही मार्ग दिखाने का प्रयास किया।
थॉमस ग्रे
26 दिसंबर 1716 को थॉमस ग्रे का जन्म हुआ। वे 18वीं शताब्दी के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवि थे। उनकी कविता “Elegy Written in a Country Churchyard” आज भी साहित्य जगत में बेहद प्रसिद्ध और सराही जाती है।
गुरु गोविंद सिंह का जन्म
26 दिसंबर 1666 को सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ। वे महान योद्धा, कवि और धर्म सुधारक थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर सिख समाज को साहस और आत्मसम्मान का मार्ग दिखाया।
तारक मेहता
26 दिसंबर 1929 को गुजराती साहित्यकार तारक मेहता का जन्म हुआ। वे हास्य और सामाजिक व्यंग्य के लिए प्रसिद्ध थे। उनके लेखन से प्रेरित टीवी धारावाहिक “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” आज भी बेहद लोकप्रिय है।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन
26 दिसंबर 2024 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हुआ। वे एक महान अर्थशास्त्री और शांत स्वभाव के नेता थे। उनके नेतृत्व में भारत में आर्थिक सुधार हुए, जिनसे देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली।
पंकज सिंह
26 दिसंबर 2015 को समकालीन हिन्दी कविता के महत्वपूर्ण कवि पंकज सिंह का निधन हुआ। उनकी कविताओं में सामाजिक चेतना, जनसंघर्ष और समय की सच्चाइयाँ दिखाई देती हैं। वे नई कविता आंदोलन के प्रमुख स्वर माने जाते हैं।
शंकरदयाल शर्मा
26 दिसंबर 1999 को भारत के नौवें राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा का निधन हुआ। वे एक विद्वान, कुशल प्रशासक और संविधान के गहरे जानकार थे। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की।
राम स्वरूप
26 दिसंबर 1998 को वैदिक परंपरा के प्रमुख बुद्धिजीवी राम स्वरूप का निधन हुआ। उन्होंने भारतीय दर्शन, संस्कृति और धर्म पर गहन लेखन किया। उनके विचार भारतीय बौद्धिक परंपरा में विशेष स्थान रखते हैं।
के. शंकर पिल्लई
26 दिसंबर 1989 को प्रसिद्ध भारतीय कार्टूनिस्ट के. शंकर पिल्लई का निधन हुआ। उन्हें “शंकर” के नाम से जाना जाता था। उनके राजनीतिक कार्टून सामाजिक और राजनीतिक व्यंग्य के लिए बेहद लोकप्रिय थे।
बीना दास
26 दिसंबर 1986 को भारत की वीर महिला क्रांतिकारी बीना दास का निधन हुआ। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में साहसिक भूमिका निभाई। ब्रिटिश शासन के विरुद्ध उनके प्रयास भारतीय महिलाओं के साहस का प्रतीक हैं।
यशपाल
26 दिसंबर 1976 को हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार और निबंध लेखक यशपाल का निधन हुआ। उनके साहित्य में सामाजिक यथार्थ, क्रांति और मानव संवेदनाओं का सशक्त चित्रण मिलता है। उनका योगदान हिन्दी साहित्य में अमूल्य है।
भूपेंद्रनाथ दत्त
26 दिसंबर 1961 को भूपेंद्रनाथ दत्त का निधन हुआ। वे स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी, लेखक और समाजशास्त्री थे। उन्होंने सामाजिक असमानता और औपनिवेशिक शोषण के खिलाफ लेखन और आंदोलन किया।
हेनरी लुईस विवियन डेरोजियो
26 दिसंबर 1831 को कवि और विचारक हेनरी लुईस विवियन डेरोजियो का कलकत्ता में निधन हुआ। वे युवा बंगाल आंदोलन के प्रमुख नेता थे और भारतीय समाज में आधुनिक सोच के प्रसारक माने जाते हैं।
वीर बाल दिवस
वीर बाल दिवस हर वर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी के साहसी पुत्रों, साहिबज़ादा जोरावर सिंह और साहिबज़ादा फतेह सिंह, के बलिदान की स्मृति में समर्पित है। बहुत कम उम्र में उन्होंने अत्याचार के सामने झुकने से इनकार किया और अपने धर्म व मूल्यों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी। उनका साहस, धैर्य और निडरता भारतीय इतिहास में अद्वितीय है। वीर बाल दिवस बच्चों और युवाओं को सत्य, धर्म और आत्मसम्मान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि उम्र नहीं, बल्कि साहस और संकल्प ही सच्ची वीरता की पहचान होते हैं।