27 दिसंबर के दिन इतिहास (History Of 27th December) के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं Sora Ai
इतिहास

27 दिसंबर का इतिहास: बेनजीर भुट्टो की हत्या से लेकर सलमान ख़ान के जन्मदिन तक जानें क्या है ख़ास!

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

Author : Sarita Prasad

  • 27 दिसंबर को राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज से जुड़ी कई बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें विश्व बैंक–IMF की स्थापना और बड़े आतंकी हमले शामिल हैं।

  • इस दिन कला, खेल और विज्ञान से जुड़ी उल्लेखनीय उपलब्धियां सामने आईं, जैसे तारे ज़मीं पर को सम्मान और भारत की क्रिकेट जीत।

  • 27 दिसंबर को कई महान व्यक्तित्वों का जन्म और निधन हुआ, जिन्होंने देश और समाज में अमिट योगदान दिया।

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जोकि इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 27 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 27 दिसंबर (History Of 27th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।

27 दिसंबर की खास घटनाएं

तारे ज़मीं पर को सम्मान

2008 में वी. शान्ताराम पुरस्कार समारोह में फ़िल्म तारे ज़मीं पर (Tare Zameen Par) को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार मिला। यह फ़िल्म बच्चों की शिक्षा और संवेदनशीलता पर आधारित थी। इसी वर्ष आशा एण्ड कम्पनी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया, जो एक बड़ी उपलब्धि थी।

बेनजीर भुट्टो की हत्या

2007 में पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या (Former Prime Minister Benazir Bhutto shot dead) कर दी गई। यह घटना पाकिस्तान के इतिहास की सबसे दुखद और चौंकाने वाली घटनाओं में गिनी जाती है। इससे देश में राजनीतिक अस्थिरता और शोक का माहौल बन गया।

भारत की वनडे जीत

2004 में भारत ने तीसरे और अंतिम वनडे मैच (India's ODI Win) में बांग्लादेश को हराकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की। यह जीत भारतीय क्रिकेट टीम के आत्मविश्वास के लिए महत्वपूर्ण रही। युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने टीम की मजबूती को दर्शाया।

पहला मानव क्लोन दावा

2002 में संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘ईव’ नामक पहले मानव क्लोन के जन्म का दावा (First human clone claim) किया गया। यह घटना वैज्ञानिक और नैतिक बहस का विषय बनी। हालांकि बाद में इस दावे को लेकर कई सवाल उठे और इसे पूरी तरह प्रमाणित नहीं किया जा सका।

भारत-पाक तनाव और आतंकवाद

2001 में भारत-पाक युद्ध रोकने के लिए अमेरिका और रूस सक्रिय हुए। इसी वर्ष लश्कर-ए-तोइबा (Lashkar-e-Taiba) ने अब्दुल वाहिद कश्मीरी को अपना प्रमुख बनाया। संयुक्त राष्ट्र ने पाक आतंकी संगठन ‘उम्मा-ए-तामीर-ए-नौ’ के खाते सील करने के आदेश दिए।

विवाह पूर्व संबंध मान्य

2000 में ऑस्ट्रेलिया ने विवाह पूर्व संबंधों को कानूनी मान्यता (Legal recognition of premarital relationships) दी। यह फैसला सामाजिक बदलाव और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण माना गया। इससे रिश्तों को लेकर समाज की सोच में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला।

यूरोप में आतंकी हमला

1985 में यूरोप के विएना और रोम हवाई अड्डों पर चरमपंथियों ने हमला किया। इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई और सौ से अधिक घायल हुए। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खतरे को उजागर किया।

अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता परिवर्तन

1979 में अफ़ग़ानिस्तान में राजनीतिक परिवर्तन (Political change in Afghanistan) हुआ और सैनिक क्रांति के दौरान हफीजुल्लाह अमीन की हत्या कर दी गई। इसी वर्ष सोवियत सेना ने अफ़ग़ानिस्तान पर हमला किया, जिससे लंबे समय तक युद्ध और अस्थिरता बनी रही।

चासनाला खदान दुर्घटना

1975 में झारखंड के धनबाद जिले की चासनाला कोयला खदान (Chasanala mine accident) में भीषण दुर्घटना हुई। इस हादसे में 372 मजदूरों की मौत हो गई। यह भारत की सबसे बड़ी खदान दुर्घटनाओं में से एक मानी जाती है।

उत्तर कोरिया का संविधान

1972 में उत्तर कोरिया (North Korea) में नया संविधान लागू हुआ। इस संविधान ने देश की राजनीतिक व्यवस्था को और सख्त बनाया। इससे वहां की शासन प्रणाली और सत्ता संरचना को कानूनी आधार मिला।

विश्व बैंक और IMF की स्थापना

1945 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विश्व बैंक (World Bank) की स्थापना हुई। इसी वर्ष 29 सदस्य देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) भी बना। इन संस्थाओं ने विश्व आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभाई।

पर्सिया से ईरान

1934 में पर्सिया के शाह ने देश का नाम बदलकर ईरान रखने की घोषणा की। यह फैसला राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को ईरान के नाम से जाना जाने लगा।

जन गण मन गाया गया

1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में पहली बार ‘जन गण मन’ गाया गया। बाद में यही गीत भारत का राष्ट्रगान बना। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का महत्वपूर्ण क्षण था।

चाय की पहली सार्वजनिक बोली

1861 में कलकत्ता में पहली बार चाय की सार्वजनिक बोली आयोजित की गई। इससे भारत में चाय व्यापार को बढ़ावा मिला। आगे चलकर भारत दुनिया के प्रमुख चाय उत्पादक देशों में शामिल हो गया।

27 दिसंबर को जन्मे लोग

सलमान ख़ान का जन्म

27 दिसंबर 1965 को बॉलीवुड अभिनेता सलमान ख़ान (Salman Khan) का जन्म हुआ। वे हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय सितारों में गिने जाते हैं। हम आपके हैं कौन, बजरंगी भाईजान और सुल्तान जैसी फ़िल्मों ने उन्हें अपार प्रसिद्धि दिलाई। वे समाजसेवा के लिए भी जाने जाते हैं।

अल्बर्ट एक्का का जन्म

27 दिसंबर 1942 को लांस नायक अल्बर्ट एक्का (Albert Ekka Birthday) का जन्म हुआ। वे परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक थे। 1971 के भारत–पाक युद्ध में उन्होंने अद्भुत वीरता दिखाई और देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका साहस भारतीय सेना के लिए प्रेरणा है।

नित्यानंद स्वामी का जन्म

27 दिसंबर 1927 को नित्यानंद स्वामी (Nityananda Swami) का जन्म हुआ। वे उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री बने। राज्य गठन के बाद उन्होंने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। सादगी और जनसेवा के लिए वे उत्तराखंड की राजनीति में सम्मानपूर्वक याद किए जाते हैं।

27 दिसंबर को इन महान हस्तियों का निधन हुआ

सुनील कोठारी का निधन

27 दिसंबर 2020 को प्रसिद्ध भारतीय नृत्य इतिहासकार, विद्वान और आलोचक सुनील कोठारी का निधन (Sunil Kothari passes away) हुआ। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य पर गहन शोध किया। उनकी पुस्तकों और लेखों ने कथक, भरतनाट्यम और ओडिसी जैसी नृत्य शैलियों को वैश्विक पहचान दिलाई।

फ़ारुख़ शेख़ का निधन

28 दिसंबर 2013 को बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता फ़ारुख़ शेख़ (Farooq Sheikh) का निधन हुआ। वे संवेदनशील और सशक्त अभिनय के लिए जाने जाते थे। चश्मे बद्दूर, उमराव जान और साथ साथ जैसी फ़िल्मों में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है।

मैरेम्बम कोइरंग सिंह का निधन

28 दिसंबर 1994 को मणिपुर के प्रथम मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरंग सिंह का निधन हुआ। वे राज्य के वरिष्ठ नेता थे। मणिपुर के प्रशासनिक ढांचे और राजनीतिक पहचान को मजबूत करने में उनका योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है।