India EU FTA: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि भले ही हर मुद्दे पर सहमति न बन पाए, लेकिन उन्हें भरोसा है कि अंतिम नतीजा “बेहद अच्छा समझौता” होगा। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के वार्ताकार मौजूदा समय में तीव्र चर्चा कर रहे हैं ताकि बचे हुए मतभेद दूर किए जा सकें।
इससे पहले 8 से 12 सितंबर तक भारत में 13वां दौर हुआ था। उस दौरान ईयू (EU) के उपाध्यक्ष मारोस सेफकोविक और कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हेन्सन ने गोयल से मुलाकात कर वार्ता की प्रगति की समीक्षा की थी।
ईयू की मुख्य मांगों में ऑटो सेक्टर (Auto Sector) पर शुल्क रियायतें शामिल हैं। वर्तमान में भारत (India) वाहनों पर 100 प्रतिशत से अधिक आयात शुल्क लगाता है। हाल ही में भारत ने ब्रिटेन (Britain) के साथ हुए व्यापार समझौते में ऑटो कंपनियों को इसी तरह की रियायतें दी थीं। ईयू भी अपने उद्योगों के लिए ऐसी ही व्यवस्था चाहता है।
फॉक्सवैगन (Fox Wagon) और मर्सिडीज-बेंज (Mercedes Benz) जैसी कई यूरोपीय (European) ऑटो कंपनियां पहले से ही भारत में विनिर्माण संयंत्र चला रही हैं।
ईयू का मानना है कि यह साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उच्च मूल्य वाले निवेश का भी मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे भारत में हजारों नए रोजगार सृजित होंगे। ब्रसेल्स में होने वाले अगले दौर के साथ, दोनों पक्ष मतभेद कम करने और बहुप्रतीक्षित एफटीए को अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
(BA)