Antisocial Personality Disorder: सोशियोपैथ शख्स एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का शिकार होता है। ये एक ऐसी मानसिक स्थिति है, जहां व्यक्ति को इस बात की ज्यादा समझ नहीं होती कि क्या सही है और क्या गलत। यदि ये लोग कुछ गलत भी कर दें, तो इनको उसका कोई भी पझतावा नहीं होता है। ऐसे लोग कानून को भी नहीं मानते हैं। धोखेबाज, आवेगी, आक्रामक और सामाजिक मानदंडों के अनुरूप होने में असमर्थता ऐसे लक्षण हैं जो एक सोशियोपैथ को परिभाषित कर सकते हैं। आपको बता दें इनका व्यवहार अस्थिर हो सकता है और कुछ मामलों में ये मादक द्रव्यों और शराब के दुरुपयोग से भी पीड़ित हो सकते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर अपने कार्यस्थलों पर समस्याओं का सामन पड़ता है।
सोशियोपैथ और एक साइकोपैथ के बीच बहुत अंतर नहीं है। चिकित्सकीय रूप से देखा जाए तो एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऑडर से जुड़े व्यवहार के इस पैटर्न को सोशियोपैथ, साइकोपैथ या एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऑडर के रूप में भी जाना जाता है। जबकि इन शब्दों के उपयोग के बीच एकमात्र मामूली अंतर समाज के भीतर समायोजन के स्तर के संबंध में हो सकता है। इसके अलावा, साइकोपैथ शब्द को अक्सर आपराधिकता के संदर्भ से भी जोड़ा गया है। दोनों स्थितियों में मस्तिष्क का डिज़ाइन अलग-अलग हो सकता है। सोशियोपैथ की स्थिति में दिमाग के कुछ हिस्सों में बढ़े हुए न्यूरॉन फ़ंक्शन का अनुभव हो सकता है और इसका असर उनकी नैतिकता पर पड़ता है।
सोशियोपैथ लोग समाजिक नियमों को निभाने में विफल हो जाते हैं। सोशियोपैथ लोगों में धोखे की भावना देखी जाती है। यह बार-बार झूठ बोलने, उपनामों का उपयोग करने या अपने व्यक्तिगत लाभ या खुशी के लिए दूसरों को धोखा दे सकते हैं। ये लोग बिना सोचे समझे फैसला लेते हैं। इनमें चिड़चिड़ापन और आक्रामकता देखने को मिलता है। यह अक्सर शारीरिक झगड़ों या हमलों की बार-बार होने वाली घटनाओं के रूप में नजर आता है।
बचपन से असमाजिक व्यवहार होने की वजह से शख्स सोशियोपैथ हो सकते हैं। इसके अलावा ब्रेन कैमिस्ट्री के साथ-साथ जीन्स भी मायने रखते हैं, हालाँकि बच्चे का पालन-पोषण भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि एक बच्चे को बचपन से देखभाल नहीं मिलती है, तो वह बड़ा होकर खुद की रक्षा करने की जरूरत महसूस कर सकता है, और दूसरों के लिए भी उसके मन में कोई दया नहीं रह जाती है।
जी हां! इनका इलाज संभव है। किसी भी प्रकार के पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले लोगों की ही तरह ही सोशियोपैथ लोगों का भी इलाज होता है। इसमें इंसान के व्यवहार को पहचानकर उसे बदलने में मदद की जाती है। इसके अलावा दवाएं भी लक्षणों और व्यवहार पैटर्न को रोकने मदद कर सकती हैं।