मानव अंगों के परिवहन के लिए ड्रोन का उपयोग कर सकता है चेन्नई अस्पताल  IANS
स्वास्थ्य

मानव अंगों के परिवहन के लिए ड्रोन का उपयोग कर सकता है चेन्नई अस्पताल

गडकरी ने कहा कि राजमार्गों के निर्माण से चेन्नई-बेंगलुरु जैसे विभिन्न शहरों के बीच यात्रा का समय कम हो रहा है, जो अंग परिवहन के लिए मददगार होगा।

न्यूज़ग्राम डेस्क

चेन्नई स्थित निजी अस्पताल एमजीएम हेल्थकेयर प्रत्यारोपण के लिए अंगों के परिवहन के मद्देनजर ड्रोन का उपयोग करने के तरीके तलाश रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एमजीएम हेल्थकेयर में 500 से अधिक सफल हृदय और फेफड़ों के प्रत्यारोपण ऑपरेशन को चिह्न्ति करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बोल रहे थे।

गडकरी ने कहा कि राजमार्गों के निर्माण से चेन्नई-बेंगलुरु जैसे विभिन्न शहरों के बीच यात्रा का समय कम हो रहा है, जो अंग परिवहन के लिए मददगार होगा।

इस बीच, एमजीएम हेल्थकेयर के निदेशक प्रशांत राजगोपालन ने कहा कि अस्पताल, चेन्नई हवाई अड्डे से अस्पताल तक अंगों को ले जाने के लिए ड्रोन का उपयोग करने पर विचार कर रहा है।

उनके अनुसार, वर्तमान में ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए अंगों को शहर की पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चेन्नई एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से पहुंचाया जाता है।

उन्होंने कहा कि इससे जनता को कुछ असुविधा होती है और इसलिए अस्पताल ड्रोन को दूसरे शहरों से मानव अंगों को ले जाने के विकल्प के रूप में देख रहा है।

अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि कुछ विदेशी देशों में प्रत्यारोपण ऑपरेशन के लिए मानव अंगों का परिवहन प्रचलन में है और भारत में सरकारी अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ती है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्यारोपण के लिए मानव अंग वाले बॉक्स का वजन लगभग नौ किलोग्राम होगा और ड्रोन उन्हें आसानी से उठा सकते हैं।

समारोह में बोलते हुए तमिलनाडु के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सुब्रमण्यम ने कहा कि राज्य अंग प्रत्यारोपण में अग्रणी है।

सुब्रमण्यम ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अपने सभी अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण सर्जरी करने के लिए आवश्यक सुविधाएं बनाने के लिए कदम उठाएगी।

(आईएएनएस/PS)

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी