क्या आपने कभी अंडा फोड़ते समय सोचा है कि अंडा अंदर से पीली चमकदार होगी या उसका जर्दी निकलेगी, लेकिन अंडा फोड़ने के बाद आपको कुछ अजीब सा दिखाई दे तो आपको कैसा लगेगा ? आपको ऐसा भी लग सकता है कि आपने नकली अंडे का सामना किया है।
आजकल बाज़ार में ऐसे प्लास्टिक जैसे दिखने वाले अंडे भी बिक रहे हैं, जो ऊपर से बिल्कुल असली अंडों जैसे दिखते हैं। लेकिन असल में ऐसे अंडे में न पोषक तत्व होते हैं और न ही यह सुरक्षित होते हैं। असली अंडे शरीर के लिए ज़रूरी प्रोटीन, विटामिन और अमिनो एसिड का खज़ाना होते हैं। लेकिन नकली अंडों में ये पोषण नहीं मिलता। यही कारण है कि असली और नकली अंडों में फर्क समझना हमारी सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है।
आजकल लोग ऑनलाइन से लेकर आसपास की दुकानों तक से अंडे खरीदते हैं। ऐसे में नकली (Fake eggs) और असली अंडों की पहचान करना आपके स्वास्थ्य की सुरक्षा और नाश्ते की गुणवत्ता दोनों के लिए अहम है। कई दुकानदार अधिक मुनाफ़ा के लिए नकली अंडे बेचते हैं। आपको बता दें इन नकली अंडे को प्लास्टिक, रसायनों और सिंथेटिक पदार्थों से बनाया जाता है, और इन अंडे को लंबे समय तक सेवन करने से शरीर (Health) पर बुरा असर हो सकता है।
नकली और असली अंडों की पहचान के 5 आसान तरीके
1. दिखावट से पहचान
असली अंडे मुर्गी की नस्ल के हिसाब से अलग-अलग रंगों में आते हैं जैसे सफेद से लेकर हल्के भूरे रंग तक। इनका रंग पूरी तरह एक जैसा नहीं होता है, बल्कि इनमें हल्का-फुल्का अंतर भी रहता है। वहीं नकली अंडे (Fake eggs) अक्सर ज़्यादा चमकदार दिखते हैं और सभी का रंग व आकार लगभग एक जैसा होता है। अगर अंडा ज़रूरत से ज़्यादा चिकना और चमकदार लगे, तो सतर्क हो जाना चाहिए।
2. अंडे कि बनावट में अंतर
असली अंडे का छिलका थोड़ा खुरदुरा और दानेदार होता है। इसमें हल्के छेद और असमान सतह होती है। इसका उल्टा नकली अंडे का छिलका बहुत चिकना और प्लास्टिक जैसा लगता है। उस पर प्राकृतिक छिद्र नज़र नहीं आते है।
3. पानी में डालकर टेस्ट
एक कटोरे में पानी भरें और उसमें अंडा डालें। अगर अंडा असली है तो आमतौर पर पानी में डूब जाऐगा और सपाट होकर नीचे टिक जाऐगा। अगर अंडा नकली है तो वो पानी तैर सकता है या बनावटी तरीके से हिल सकता है। यह इसलिए होता है क्योंकि नकली अंडे का घनत्व और वायु संरचना अलग होती है।
4. शेक टेस्ट
अंडे को कान के पास ले जाकर धीरे से हिलाइए।अगर असली अंडा होगा तो कोई आवाज़ नहीं करेगा, या अगर बहुत पुराना अंडा है तो हल्की सी आवाज़ आ सकती है। लेकिन नकली अंडे में जलीय पदार्थ के हिलने जैसी आवाज़ आती है। इसका कारण है कि इसके अंदर पानी जैसे पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है।
5. फोड़कर देखें
सबसे आसान और पक्का तरीका है अंडे को फोड़ना। क्योकि असली अंडे में जर्दी और सफेदी साफ़-अलग रहती है। असली अंडे में जर्दी बीच में टिके रहती है और सफेदी थोड़ी गाढ़ी होती है। वहीं नकली अंडे में जर्दी और सफेदी जल्दी-जल्दी मिल जाते हैं और उनका टेक्सचर असली अंडे जैसा नहीं होता। यहां तक कि पकाने पर भी नकली अंडे की जर्दी तुरंत फैल जाती है, जबकि असली जर्दी बिना छेड़े बनी रहती है।
कैसे बनते हैं नकली अंडे ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक नकली अंडों की जर्दी जिलेटिन, सोडियम एल्गिनेट और पीले रंग से बनाई जाती है। इस अंडे की सफेदी बनाने में रसायन और पाउडर का इस्तेमाल होता है, और इस अंडे के छिलके को बनाने के लिए पैराफिन मोम, जिप्सम पाउडर और कैल्शियम सल्फाइट जैसे पदार्थ मिलाए जाते हैं। सोचिए, ये सारे तत्व जो एक अंडे के बनाने में इस्तेमाल किया जाता है, वो सभी तत्व इंसान के खाने के लिए नहीं बने हैं। इनका सेवन स्वास्थ्य (Health) को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
चीन में नकली अंडों का संकट
नकली अंडों की शुरुआत चीन में ज़्यादा हुई है। वहाँ अंडों की भारी माँग और सस्ते उत्पादन की चाहत ने नकली अंडों को बाज़ार में ला दिया है। यह अंडे अक्सर असुरक्षित माहौल में तैयार किए जाते हैं। इन बनाने में गैर-खाद्य पदार्थ भी मिलाए जाते हैं। इसकी वजह से कई बार लोगों के बीमार पड़ने की घटनाएं सामने आई हैं। इस पर सरकार ने नियम तो बनाए हैं, लेकिन इतने बड़े स्तर पर निगरानी करना मुश्किल है। फिर इसका नतीजा यह होता है कि नकली अंडों का उत्पादन और बिक्री पूरी तरह रुक नहीं पाती है।
भारत में अंडों का कारोबार और खतरा
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक देश है। सबसे ज़्यादा अंडे तमिलनाडु में बनते हैं। आपको बता दें सिर्फ़ हैदराबाद में रोज़ 75 लाख अंडे खाए जाते हैं। फिर इतने बड़े कारोबार में नकली अंडों (Fake eggs) की मिलावट का खतरा भी बढ़ जाता है। हाल ही में गाजियाबाद में एक मामला सामने आया है, जहाँ एक व्यक्ति ने अंडा खरीदा और उसने अपने कुत्ते को अंडा खाने के लिए दिया लेकिन उसके कुत्ते ने अंडा खाने से मना कर दिया। जांच में पता चला कि अंडे में प्लास्टिक मिला था। इस घटना से हमें यह सिख मिलती है कि सतर्क रहना कितना ज़रूरी है।
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सेहत पर असर
नकली अंडों के लगातार सेवन से शरीर (Health) पर बुरा असर पड़ सकता है। इनमें मौजूद रसायन पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचा सकते हैं, और किडनी और लिवर पर दबाव डाल सकते हैं। इसके बाद इस अंडे का लगातार सेवन करने से यह गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए अंडा खरीदते समय उसकी गुणवत्ता की पहचान करना बेहद ज़रूरी है।
निष्कर्ष
अंडा पोषण का एक बेहतरीन स्रोत है, लेकिन नकली अंडे (Fake eggs) इस स्वास्थ्य लाभ को खतरे में डाल सकते हैं। आज जब बाज़ार में मिलावट बढ़ रही है, तो इससे हमें खुद ही सतर्क रहना होगा। एक बात हमेशा याद हमें रखना होगा कि चिकना, चमकदार और आवाज़ करने वाला अंडा नकली हो सकता है। छोटे-छोटे टेस्ट करके आप आसानी से असली और नकली अंडे में फर्क कर सकते हैं और अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।
इस पूरी रिपोर्ट से हमें यह सिख मिलता है कि कभी भी दिखावट पर न जाएं, बल्कि अंडे की पहचान करना सीखें। असली अंडे सेहत बनाते हैं,जबकि नकली अंडे सिर्फ़ नुकसान पहुँचाते हैं। [Rh/PS]