Fabry Disease : यह एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी है, जो आम तौर पर बचपन में ही देखने को मिलती है। यह एक ऐसा रोग है जिसके लक्षण अलग-अलग शरीर में अलग-अलग तरह के हो सकते हैं यदि आपके शरीर में फैब्री रोग हो गया है। तो इसका सीधा कारण है कि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंजाइम नहीं है। ऐसे एंजाइम जो फैट को तोड़ देते हैं। एंजाइम के पर्याप्त मात्रा में शरीर में न होने के कारण ही फैब्री रोग बनता है यह रोग आम तौर पर आपको माता या पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलता है। यह रोग महिला या पुरुष दोनों ही लिंग को प्रभावित करता है लेकिन महिला की तुलना में पुरुष इस रोग से अधिक प्रभावित होते हैं।
यह रोग अल्फा-गैलेक्सी डेज-ए की कमी के कारण पैदा होता है। यह विरासत में मिला एक न्यूरोलॉजिकल रोग है जो हमारे शरीर में तब उत्पन्न हो जाता है जब अल्फा-गैलेक्सी डेज-ए लिपिड के रूप में जाने वाले वसायुक्त पदार्थों को शरीर को ऊर्जा देने वाले घटक में तोडना कठिन हो जाता है। इस रोग का बुरा प्रभाव हमारे आंखों, किडनी और हार्ट पर भी देखने को मिलता है।
इस रोग में शरीर में विशेषकर हाथ-पैरों में जलन महसूस होता है।
त्वचा पर छोटे लेकिन गहरे लाल चकत्ते बन जाते है।
आंखों का धुंधलापन आता है।
पेट संबंधी समस्याएं जैसे- दस्त, कब्ज और पेट दर्द।
सुनने में समस्या आती है।
सिर दर्द या चक्कर आना।
बहुत कम या बहुत अधिक पसीना आना।
हार्ट संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती है।
इसके लक्षण अलग-अलग देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि इस रोग का इलाज करने में सालों का समय लग जाता है। इस रोग के समुचित इलाज के लिए आपको कुशल चिकित्सक के पास जाना चाहिए। जो आपका रक्त परीक्षण या आनुवंशिक परीक्षण करके जल्द से जल्द पता लगा सके क्योंकि फैब्री एक आनुवांशिक रोग है इसलिए ये आपको हमेशा अपने माता-पिता से मिलता है। यदि आपको या आपके साथी को फैब्री रोग है तो बच्चा पैदा करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। इस तरह भी इस रोग के फैलाव को रोका जा सकता है।