फ्रोजन पिज्जा से अल्पायु में मृत्यु हो सकती है: अध्ययन Wikimedia
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फ्रोजन पिज्जा से अल्पायु में मृत्यु हो सकती है: अध्ययन

हमारी जानकारी के अनुसार अब तक हुए किसी भी अध्ययन से यह सामने नहीं आया है कि यह खाद्य पदार्थ अल्पायु में होने वाली मृत्यु पर कितना असर डालते हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

एक शोध के अनुसार ऐसे खाद्य पदार्थ जो प्रीपैक्ड (Prepacked Food) होते हैं जैसे कि प्रीपैकड सूप, सॉस, फ्रोजन पिज़्ज़ा जैसे अल्ट्राप्रोसेसड (Ultra Processed) खाद्य पदार्थों का दैनिक सेवन अल्पआयु में मृत्यु का कारण हो सकता है। साथ ही ब्राजील में 2019 में हुई 10% से अधिक अल्पायु में हुई मौतों का कारण ऐसे खाद्य पदार्थ ही हैं।

वैसे देखा जाए तो ऐसे देश जिनकी आय बहुत अधिक है उनकी तुलना में ब्राजील (Brazil) के लोग ऐसे पदार्थों का सेवन बहुत कम करते हैं। अमेरिकन जनरल ऑफ प्रीवेंटिव मेडिसिन (American General of Preventive Medicine) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में ब्राजील में समय से पहले होने वाली 57,000 मौतों में अल्ट्राप्रोसेसड खाद्य पदार्थों ने भी योगदान दिया है।

ऐसे पदार्थ जो औद्योगिक फॉर्मूलेशन द्वारा या प्रयोगशालाओं में तैयार होते हैं और तुरंत खाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते है या फिर ऐसे पदार्थ जिन्हें तुरंत पकाकर खाया जा सकता है ने पारंपरिक खाद्य पदार्थों एवं ताजा और कम सामग्री से तैयार होने वाले पदार्थों की जगह ले ली है।

साओ पाउलो विश्वविद्यालय (University of Sao Paulo) और ओसवाल्डो क्लोज फाउंडेशन ब्राजील के प्रमुख अधीक्षक एडुआर्डो ए.एफ नीलसन द्वारा समझाया गया कि पिछले मॉडलिंग अध्ययनों के अनुसार यह सामने आया है कि सोडियम चीनी और ट्रांस वसा या फिर मीठे पेय पदार्थों के कारण स्वास्थ्य और आर्थिक हानि दोनों होती हैं। हमारी जानकारी के अनुसार अब तक हुए किसी भी अध्ययन से यह सामने नहीं आया है कि यह खाद्य पदार्थ अल्पायु में होने वाली मृत्यु पर कितना असर डालते हैं। इसके बजाय हम और अच्छी खाद्य नीतियां ला सकते हैं जिससे बीमारी और समय से पहले होने वाली मृत्यु को रोका जा सके।

पौष्टिक आहार

हॉट डॉग, आइसक्रीम, फ्रोजन पिज़्ज़ा, सॉस अल्ट्राप्रोसेसड खाद्य पदार्थों के कुछ उदाहरण है।

सभी आयु वर्ग और लिंग के आंकड़ों के अनुसार ब्राजील में कुल भोजन सेवन का 13% से 21% तक सेवन अल्ट्राप्रोसेसड खाद्य पदार्थ थे। इन्हें उस वर्ष हुई 57000 मौतों का जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसके अलावा अमेरिका, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश जहां इन खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा होता है वहां इसका अनुमानित प्रभाव और भी अधिक होगा।

इन पदार्थों के सेवन और खपत को कम करने के लिए कई तरह की खाद्य नीति और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की आवश्यकता है। पदार्थों का सेवन कई तरह की बीमारी जैसे कैंसर, मधुमेह आदि को बढ़ावा देता है।

(PT)

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