स्वस्थ और चमकदार नाखून: हाथों की सुंदरता और स्वास्थ्य का संकेत। IANS
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स्वास्थ्य का आईना होते हैं नाखून, आहार में परिवर्तन कर लाकर बनाए चमकदार

नई दिल्ली, नाखून को सिर्फ खूबसूरती का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि ये हाथों की खूबसूरती को बढ़ाते हैं, लेकिन सुंदर नाखून सिर्फ सुंदरता नहीं बल्कि हमारी हेल्थ का भी संकेत देते हैं।

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नाखूनों (Nails) को देखकर पता लगाया जा सकता है कि शरीर में किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं। इसलिए आयुर्वेद में नाखून को शरीर का आईना भी कहा जाता है।

नाखून केराटिन (Nail Keratin) और क्यूटिकल (Cuticle) से बनता है, जो बाल और त्वचा के ऊतकों को बनाने में सहायक है। यह प्रोटीन (Protein) नाखून के ऊपरी हिस्से की रक्षा करता है और चोट लगने पर घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। इसके साथ ही क्यूटिकल नाखून को त्वचा से जोड़े रखने का काम करता है और बैक्टीरिया और फंगस को त्वचा के अंदर जाने से रोकता है। इसे नाखून और स्किन का बॉडीगार्ड कहा जाता है।

नाखून हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। नाखून की वजह से ही हमारी उंगलियों की ऊपरी सतह सुरक्षित रहती है। ये चोट और संक्रमण से उंगलियों को बचाती है। इसके अलावा नाखूनों की मदद से उंगलियों की पकड़ मजबूत होती है, जिससे वे सख्त और भारी चीज का भार उठा सकती हैं।

ऐसे में नाखून की देखभाल बहुत जरूरी है क्योंकि ये हमें कई तरह के संकेत देते हैं। अगर नाखून पीले हैं तो फंगल इंफेक्शन या लिवर से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है, और अगर ये सफेद हैं तो खून की कमी, विटामिन बी 12 (Vitamin B12) की कमी और फोलिक एसिड की कमी को दिखाते हैं। नाखून पर अचानक बनने वाली रेखाएं थायराइड का संकेत देती हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

नाखूनों की देखभाल करना भी बहुत आसान है। घर पर कुछ घरेलू नुस्खों से नाखूनों और हाथ दोनों की देखभाल की जा सकती है। नींबू और जैतून के तेल से नाखूनों की देखभाल की जा सकती है। थोड़े से नींबू में जैतून का तेल मिलाकर नाखूनों की मालिश करें और कुछ देर डुबोकर रखें, इससे पीलापन दूर होता है। इसके अलावा नारियल या बादाम के तेल का लेप करने से भी नाखून मजबूत बनते हैं।

आहार में बदलाव लाकर भी नाखूनों की देखभाल की जा सकती है। नाखून को हड्डियों से जोड़कर देखा गया है। आयुर्वेद में माना गया है कि जब हड्डियां कमजोर होती हैं, तो नाखून टूटने लगते हैं। ऐसे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम लें और शरीर में विटामिन डी की कमी न होने दें। शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तभी होता है जब विटामिन डी सही मात्रा में हो।

[AK]

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