नमक का ज्यादा या कम सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, पूजा मखीजा ने जानकारी दी। IANS
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नमक दुश्मन नहीं, कहीं आप पर भी तो नहीं मंडरा रहा कम सोडियम का खतरा

नई दिल्ली, नमक का ज्यादा सेवन सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। वहीं, कम खाना सेहत के लिहाज से हानिकारक भी हो सकता है। कम नमक खाने के ट्रेंड और इससे होने वाले खतरों को लेकर सेलिब्रिटीज फिटनेस एक्सपर्ट और न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के डर से लोग नमक पूरी तरह छोड़ देते हैं, लेकिन बहुत कम सोडियम भी शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे किडनी, हार्मोन, दिमाग और मांसपेशियां प्रभावित होती हैं। उन्होंने बताया कि नमक की कमी से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

शरीर पानी और नमक बचाने के लिए रेनिन (Renin), एंजियोटेंसिन (Angiotensin) और एल्डोस्टेरोन (Aldosterone) जैसे हार्मोन बढ़ाता है, जिससे ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव आता है और नसों पर तनाव बढ़ता है। यह स्थिति लंबे समय तक चलने पर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह खतरा और भी बड़ा है। कम सोडियम से इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है, ब्लड शुगर गिरता है और नमक की तीव्र तलब होती है।

एक्सपर्ट के अनुसार, इससे मेटाबॉलिज्म (Metabolism) पूरी तरह बिगड़ जाता है, जो डायबिटीज कंट्रोल को मुश्किल बना देता है। लंबे समय तक कम नमक खाने से हाइपोनेट्रेमिया की समस्या हो सकती है, जिसमें खून में सोडियम का स्तर गिर जाता है। इसके लक्षणों में थकान, सिरदर्द, भ्रम, ध्यान की कमी, मांसपेशी ऐंठन शामिल हैं। गंभीर मामलों में दौरा तक पड़ सकता है।

पूजा ने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैंने कई लोगों से जिम में व्यायाम के दौरान ऐंठन और चक्कर आने की शिकायत सुनी, जिसकी मुख्य वजह कम सोडियम ही थी।”

सोडियम नर्व सिग्नल और मांसपेशी संकुचन के लिए आवश्यक है। कम नमक से जिम परफॉर्मेंस गिरती है, ऐंठन बढ़ती है और स्ट्रेस हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। नसें और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।

कई रिसर्च भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि कम नमक से हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है, चाहे ब्लड प्रेशर हो या न हो। ऐसे में कम नमक वाला डाइट सभी के लिए फायदेमंद नहीं है।

इस बड़ी समस्या के लिए सुझाव भी सरल हैं। इसके लिए घर पर मिनरल वाटर बनाएं। शुद्ध पानी में चुटकी भर सेंधा नमक मिलाएं। 1 लीटर पानी में एक चौथाई छोटी चम्मच काफी है। इससे शरीर हाइड्रेटेड (Hydrated) रहता है, मिनरल्स मिलते हैं और थकान-ऐंठन दूर होती है। हालांकि, कोई बीमारी है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही काम करें।

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