सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का जल्द पता लगाने की नई विधि (Pixabay)

 
स्वास्थ्य

सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का जल्द पता लगाने की नई विधि

गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम-कोरोनावायरस-2 (SARS-COV-2) के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) का पता लगाने के लिए एक विकल्प प्रदान कर सकता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

 गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम-कोरोनावायरस-2 (SARS-COV-2) के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) का पता लगाने के लिए एक नया सैंडविच-आधारित लेटरल फ्लो इम्यूनोएसे (LFIA) आरटी-पीसीआर जांच के लिए एक कुशल विकल्प प्रदान कर सकता है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, यह पहचान की दृश्य रेखा (एलओडी) के साथ संक्रमण के प्रारंभिक चरण में सार्स-सीओवी-2 के आरबीडी एंटीजन का पता लगा सकता है।

आरटी-पीसीआर और एलिसा जैसी लोकप्रिय रूप से इस्तेमाल की जाने वाली स्वर्ण मानक तकनीकें आमतौर पर समय लेने वाली होती हैं। इसके लिए कुशल श्रम, विशिष्ट उपकरणों की जरूरत होती है और इनकी ऑन-साइट पहचान संभव नहीं है।

इस चुनौती से पार पाने के लिए डीबीटी-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी (एनआईएबी) और गांधी मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं की एक टीम ने सार्स-सीओवी-2 वायरस का शुरुआती और ऑन-फील्ड पता लगाने के लिए एक और मजबूत मंच विकसित किया।

टेस्ट स्ट्रिप के गुणात्मक विश्लेषण के लिए एक स्मार्टफोन ऐप (कलर ग्रैब) का इस्तेमाल किया गया है। एंटीजन-एंटीबॉडी इंटरेक्शन के सिद्धांत पर काम करने वाले विकसित एलएफआईए में कुशल कर्मियों की आवश्यकता के बिना सार्स-सीओवी-2 का पता लगाने और बाद में वायरस के प्रसार को कम करने की क्षमता है।

अधिकारियों ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक संस्था साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) के सहयोग से वैज्ञानिक आरबीडी प्रोटीन अभिव्यक्ति के लिए जिम्मेदार जीन का क्लोन बनाने और एंटीबॉडी (एबी) उत्पन्न करने के लिए इसे मोनोडिस्पर्स गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (एयूएनपी) के साथ संयुग्मित किया गया था।

निर्मित एलएफआईए एक सैंडविच प्रारूप में काम करता है, जहां नमूने में आरबीडी लक्ष्य विश्लेषण एक जटिल (एयूएनपी-एबी) बनाने के लिए सोने के नैनोपार्टिकल संयुग्मित आरबीडी एंटीबॉडी के साथ आगे बढ़ता है।



नई विधि में टेस्ट लाइन रंग की छवि अधिग्रहण और विश्लेषण के लिए एक साधारण स्मार्टफोन-आधारित एप्लिकेशन का उपयोग करके परीक्षण लाइन की बैंड तीव्रता का विश्लेषण किया गया, जो किसी भी रंग डेटा को इसके तीन प्राथमिक रंग घटकों - लाल, हरा और नीला (आरजीबी डेटा) में विभाजित कर सकता है। विशिष्ट रंग घटक रंग की तीव्रता के बढ़ने या घटने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह अध्ययन हाल ही में जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में प्रकाशित हुआ था।


--आईएएनएस/VS

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