खसखस सिर्फ मेवा ही नहीं, बल्कि एक औषधि (Ayurvedic Medicine) के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
खसखस अफीम के पौधे से निकाला जाता है और इसको निकालने का तरीका बहुत जैंटल होता है। इसी वजह से बाकी मेवों की तुलना में खसखस ज्यादा महंगा आता है। इसकी खेती (Cultivation) करने के लिए सरकार से परमिशन भी लेनी पड़ती है। आयुर्वेद में खसखस को औषधि के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है, जो कई रोगों को कम करने में सहायक है। इसका सेवन करने से मानसिक थकान (Mental Fatigue) में राहत मिलती है, दिमाग मजबूत होता है और पेट से संबंधित रोगों से निपटने में सहायक होता है। इसके अलावा खसखस त्वचा (Skin Care) की देखभाल और अच्छी नींद (Sleep) लाने में भी सहायक है।
खसखस की तासीर ठंडी होती है और ये पेट को शीतल करने का काम करता है। ऐसे में इसके सेवन के तरीके पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर नींद संबंधी समस्या (Insomnia) है तो रात के समय खसखस को दो चम्मच दूध में उबालकर पीना चाहिए। इससे नींद अच्छी आती है और मस्तिष्क की थकान भी दूर होती है।
खसखस को भिगोकर या उसका चूर्ण बनाकर भी खाली पेट लेना अच्छा रहता है। खसखस में मैग्नीशियम (Magnesium), फास्फोरस (Phosphorus), पोटैशियम(Potassium, प्रोटीन (Protein), आयरन (Iron), जिंक (Zinc), कैल्शियम (Calcium), फाइबर (Fiber), कॉपर (Copper), सेलेनियम (Selenium)और विटामिन (Vitamins)जैसे यौगिक होते हैं, जो इसे पौष्टिक(Nutrient-Rich) बनाने का काम करते हैं।
अगर खसखस को बाकी जड़ी-बूटियों (Herbs) के साथ लिया जाए तो यह और प्रभावी तरीके से काम करती है। खसखस को हल्दी (Haldi) के साथ लिया जा सकता है। इसके लिए खसखस के साथ चुटकीभर हल्दी मिलाकर दूध के साथ लेने से दर्द (Body Pain) में राहत मिलती है और शरीर थका हुआ महसूस नहीं करता है। हल्दी शरीर की आंतरिक सूजन (Internal Inflammation) को भी कम करने का काम करती है। इसे रात के समय ले सकते हैं।
खसखस को इलायची (Elaichi) के साथ लिया जा सकता है। इन दोनों का मिश्रण पेट को ठंडा रखने का काम करेगा और कब्ज (Constipation) को ठीक करेगा। इससे पाचन (Digestion) की क्रिया भी तेज होगी। खसखस को बादाम के साथ दूध में मिलाकर लिया जा सकता है। इसके लिए 1 चम्मच खसखस और 5 बादामों को भिगोकर छील लें और पीसकर दूध में उबालें। इसका सेवन करने से मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की थकान से राहत मिलेगी।
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