Sassi di Matera : यहां के घर किसी लग्‍जरी विला से कम नहीं है कहा जाता है क‍ि इटली में सबसे पहली मानव बस्‍ती यहीं बसी थी। (Wikimedia Commons)
Sassi di Matera : यहां के घर किसी लग्‍जरी विला से कम नहीं है कहा जाता है क‍ि इटली में सबसे पहली मानव बस्‍ती यहीं बसी थी। (Wikimedia Commons) 
सैर-सपाटा

गुफाओं में बने ये घर लगते है लग्जरी विला, इसका इतिहास जानकर आप हैरान हो जाएंगे

न्यूज़ग्राम डेस्क

Sassi di Matera : दुनिया में आपने लाखों गांव देखा होगा जिनमें बहुत से लोग रहते हैं। कई तो बेहद रहस्‍यमयी होते है और कई अपनी प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण होते है।ऐसा ही एक गांव है इटली का सासी डी मटेरा गांव । यहां लोग गुफा जैसे घरों में रहते हैं। यहां के घर किसी लग्‍जरी विला से कम नहीं है कहा जाता है क‍ि इटली में सबसे पहली मानव बस्‍ती यहीं बसी थी।

दक्षिणी इटली के सासी डी मटेरा गांव जो गुफानुमा घरों के ल‍िए पूरी दुनिया में मशहूर है। इस इलाके की खासियत यह है कि यहां लोग आज भी उन घरों में रह रहे हैं, जहां नौ हजार साल पहले उनके पुरखे रहते थे।

चट्टानों में गुफाएं ऐसे खोदी गई हैं क‍ि कई जगहों पर घरों के ऊपर ही सड़क बनी हुई नजर आती है। (Wikimedia Commons)

कैसे बना यहां ऐसा घर?

आप जानकर हैरान होंगे क‍ि सासी डी मटेरा गांव को चट्टानों में उकेरा गया है। कहते हैं क‍ि तकरीबन 9 हजार साल पहले यहां कुछ प्रााकृतिक गुफाओं में लोग रहा करते थे लेकिन आबादी बढ़ने के साथ-साथ लोग चूने की चट्‌टानों को खोदकर घर बनाते गए। कुछ शुरुआती घर पत्थर की झोपड़ियों की तरह दिखते हैं, लेकिन घर के पीछे साधारण गुफाएं हैं।

amusingplanet.com की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे-जैसे शहर का विकास हुआ, यह जगह संकरी गलियों और सीढ़ियों में बदलती चली गई क्योंकि निवासियों को जहां भी चट्टान दिखती थी, वहां खुदाई करने लगते और अपना घर बनाने लगते थे। चट्टानों में गुफाएं ऐसे खोदी गई हैं क‍ि कई जगहों पर घरों के ऊपर ही सड़क बनी हुई नजर आती है। पहले यहां एक एक बड़ी नदी भी हुआ करती थी, लेकिन अब वह नदी एक छोटी सी धारा में तब्‍दील हो गई है।

वर्ष 1993 के बाद यूनेस्को ने मटेरा के सासी और गुफा चर्चों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। (Wikimedia Commons)

किया गया जीर्णोद्धार

20वीं सदी में मटेरा क्षेत्र इटली के सबसे गरीब इलाकों में न तो बिजली थी, और न ही सीवेज सिस्‍टम था। कोई दुकानें भी नहीं थींं यहां के लोग सिर्फ रोटी, तेल, कुचले हुए टमाटर और मिर्च मिलाकर खाते थे। बड़े परिवार अपने पशुओं के साथ रहते थे। गंदगी की वजह से यहां अक्‍सर मलेर‍िया जैसी बीमार‍ियां फैला करती थीं। सरकार ने 1950 में यहां से लोगों को जबरन निकालकर आधुनिक बस्तियों में भेजा, ताकि उनका जीवन स्‍तर सुधर सके।

वर्ष 1993 के बाद जब यूनेस्को ने मटेरा के सासी और गुफा चर्चों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। इसके बाद इन्‍हें देखने के ल‍िए पर्यटकों की बाढ़ आ गई। तब कई ढहती गुफाओं का जीर्णोद्धार किया गया और उन्हें आरामदायक घरों, स्टाइलिश होटलों और रेस्तरां में बदल दिया गया। आज यहां कई घर लग्‍जरी विला से भी शानदार हैं।

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