न्यूजग्राम हिंदी: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (The Indian Council of Agricultural Research) के पूर्वी प्रक्षेत्र रांची (Ranchi) स्थित अनुसंधान केंद्र (Research institute) ने एक ही पेड़ पर एक दर्जन नस्ल के आम की खेती की प्रणाली विकसित की है। इन पेड़ों पर एक साथ दशहरी, मालदह, मल्लिका, जर्दालू, तोतापरी, हिमसागर, प्रभाशंकर जैसी प्रजातियों के फल उग रहे हैं। अब इस तकनीक से इलाके के किसानों को अवगत कराया जा रहा है। इसी केंद्र ने एक ही पौधे में बैंगन और टमाटर की खेती में भी तकनीक भी विकसित की है। 100 से ज्यादा किसानों ने प्रायोगिक तौर पर इस खेती की शुरूआत भी कर दी है।
यह केंद्र रांची के प्लांडू (Plandu) में स्थित है। यहां के एक वैज्ञानिक ने बताया कि आम के एक ही पेड़ पर एक दर्जन प्रजातियों के फल उगाने की यह तकनीक ग्राफ्टिंग के जरिए काफी पहले विकसित कर ली गई है, लेकिन अब पहली बार किसानों को इस तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद किसानों को इसके लिए पौधे भी उपलब्ध कराए जाएंगे और खेती के दौरान उन्हें तकनीकी मदद भी दी जाएगी।
एक अन्य वैज्ञानिक पी. भावना (P.Bhawna) ने बताया कि इस केंद्र ने एक ही पौधे पर बैंगन और टमाटर की खेती की जो प्रणाली विकसित की है, उसे ब्रिमैटो (Brimato) नाम दिया गया है। ब्रिंजल (बैंगन) और टोमेटो (टमाटर) को एक पौधे में उगाने की यह प्रणाली किचन और रूफटॉप गार्डन के लिए उपयुक्त है। इसके एक पौधे की कीमत 80 रुपए है। जिन 100 किसानों को पहले चरण में पौधे उपलब्ध कराए गए हैं, उन्हें सफलता मिली तो इसकी खेती व्यापक पैमाने पर शुरू की जाएगी।
--आईएएनएस/PT