आज के वक्त में पॉल्यूशन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। प्रदूषण चाहे किसी भी प्रकार का हो इससे हमारी जिंदगी बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। मनुष्य के साथ-साथ इसका प्रभाव नेचर पर भी पड़ रहा है। प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे (National Pollution Control Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है कि लोगों को पॉल्यूशन से छुटकारा दिलाया जाएं और इसके बारे में अवेयर किया जाएं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की मानें तो अत्यधिक प्रदूषण और घरेलू वायु प्रदूषण के विरुद्ध प्रभाव से हर साल लगभग 7 मिलियन प्रीमेच्योर मृत्यु हो रही है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदूषण मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है और यह मनुष्य के स्वास्थ्य पर कितना गंभीर प्रभाव डाल रहा है। जैसा कि हर बार इसकी थीम रहती है इस बार भी इसकी थीम पॉल्यूशन अवेयरनेस को सुधारना और प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार की पॉलिसीज को एडजस्ट करने के लिए प्रेरित करना होगी।
इस दिन का इतिहास 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) से संबंधित है। भोपाल में एक इंसेक्टिसाइड प्लांट से लगभग 45 टन मिथाइल आइसोसाइनेट लीक हो गई थी। जो पूरी तरह से फैल गई और यही कारण था कि वहां पर हजारों लोगों की मौत हो गई। वही कई लोग इसके कारण शारीरिक और मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। यहां तक कि हजारों लोगों ने उस वक्त भोपाल छोड़ दिया। यह दिन उन्हीं लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने इस त्रासदी में अपनी जान गंवाई थी।
इस दिन का महत्व
इस त्रासदी के समय पूरी दुनिया में पॉल्यूशन इतना ज्यादा था कि 10 में से 9 लोगों को सुरक्षित हवा नहीं मिल रही थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि लोग चीजों के प्रति जागरूक हो जो इस तरह के पॉल्यूशन का कारण बनती है जैसे कि मिट्टी, नॉइस पॉल्यूशन आदि।
(PT)