First Woman Flight Attendant : आज कई महिलाओं का सपना है की वो फ्लाइट अटेंडेंट बनें। लेकिन एक समय था जब महिलाएं विमान सेवा में कार्यरत नहीं थी। दरअसल, दुनिया की पहली कामर्शियल विमान सेवा 16 नवंबर 1909 को शुरू हुई। इसका नाम डॉयचे लुफ्त्सिफ़ाहर्ट्स – एक्टिएंजेसेलशाफ़्ट था। ये जर्मन विमान सेवा थी, जिसका हेडक्वार्टर फ़्रैंकफ़र्ट में था। इसकी शुरूआत के बाद से ही दुनियाभर में तेजी से कार्मशियल एयरलाइंस शुरू होने लगीं। इन विमानों में यात्रियों के लिए पहले पुरुष अटेंडेंट रखे जाते थे। तब एक नर्स ने अपने तर्कों से एक विमान कंपनी को प्रभावित किया कि एक नर्स किस तरह विमान यात्रियों के लिए सबसे बेहतरीन फ्लाइट अटेंडेंट हो सकती है। ये विचार इतना अच्छा था कि शुरुआत में नर्सें ही एयर होस्टेस हुआ करती थीं।
एलेन चर्च दुनिया की पहली महिला एयरहोस्टेस थीं। आपको बता दें 25 वर्षीय चर्च बेहतरीन नर्स थीं और साथ में पायलट भी। वह विमान में फ्लाइट अटेंडेंट के काम से काफी इंप्रेस थीं। लेकिन पहले ये माना जाता था कि ये काम इतने चुनौतीपूर्ण हैं कि महिलाएं इसको नहीं कर सकतीं लेकिन एलेन चर्च की इच्छा इस पेशे में आने की थी। वह इस बात को लेकर अमेरिका के यूनाइटेड एयरलाइंस के मुख्यालय में पहुंच गई।
इसके बाद एलेन चर्च विमान अधिकारियों से मिलीं। ऐसे तो वह मिली तो पायलट पद के लिए लेकिन जब इससे साफ इनकार कर दिया गया तो उन्होंने विमान अधिकारियों के सामने तर्क रखा कि अगर एक नर्स विमान में फ्लाइट अटेंडेंट होगी तो यात्रियों के आराम और देखभाल को ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकेंगी। यात्रा के दौरान बीमारी की सूरत में उन्हें प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधा भी दे पाएंगी। उनके इस आइडिया में दम था जो विमान कंपनी को पसंद आ गया।
इस आइडिया के बाद उन्हें नौकरी मिल गई। ये 1930 की बात है। वह नर्स वाली पोशाक में ही विमान यात्राओं में फ्लाइट अटेंडेंट के तौर पर काम करने लगीं। इसीलिए आज भी एयर होस्टेस या फ्लाइट अटेंडेंट की पोशाक और टोपी काफी हद तक नर्सों से मिलती जुलती थी। चर्च ने अपना काम इतनी कुशलता से किया कि उन्होंने महिला नर्सों के लिए विमान में फ्लाइट अटेंडेंट बनने के रास्ते को खोल दिया। कामर्शियल विमानों में शुरुआती फ्लाइट अटेंडेंट नर्स ही नौकरी पर रखी जाती थीं। इसके बाद अन्य एयरलाइंस ने भी इसका नकल किया और नर्सों को फ्लाइट अटेंडेंट के रूप में नियुक्त किया।