इतिहास के पन्नों में हर दिन कुछ न कुछ विशेष दर्ज है और 16 सितंबर भी अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है। इस दिन भारत और विश्व में कई ऐसे प्रसंग घटे जिन्होंने समाज, राजनीति, साहित्य और विज्ञान पर गहरा प्रभाव डाला। कभी यह दिन स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा रहा, तो कभी विज्ञान और तकनीक की उपलब्धियों का प्रतीक बना। कई महान व्यक्तित्वों का जन्म और निधन भी इसी दिन हुआ जिसने इतिहास को नई दिशा दी। 16 सितंबर हमें यह याद दिलाता है कि बीते कल की घटनाएँ आने वाले कल के लिए प्रेरणा और सीख बनती हैं। आइए जानते हैं 16 सितंबर (History Of 16th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
16 सितंबर 1862 को अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) ने "Emancipation Proclamation" की घोषणा की तैयारी शुरू की। यह घोषणा अगले वर्ष 1863 में लागू हुई और अमेरिका में दास प्रथा समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम साबित हुई। इस निर्णय ने न केवल अमेरिका बल्कि पूरे विश्व को समानता और मानवाधिकारों का संदेश दिया। लिंकन का यह कदम आधुनिक लोकतंत्र के इतिहास में मील का पत्थर माना जाता है।
16 सितंबर 1810 को मैक्सिको ने स्पेन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की। इसे "क्राई ऑफ डोलोरेस" ("Cry of Dolores") के नाम से जाना जाता है। पादरी मिगुएल हिडाल्गो ने जनता से स्पेनी शासन के खिलाफ विद्रोह करने का आह्वान किया। इस दिन को मैक्सिको का राष्ट्रीय दिवस (Mexico Independence Day) भी कहा जाता है। यह आंदोलन लंबे संघर्ष के बाद 1821 में स्वतंत्रता की ओर ले गया। 16 सितंबर मैक्सिकोवासियों के लिए गर्व और आजादी की भावना से जुड़ा दिन है।
16 सितंबर 1873 को भारत के महान कवि कुमारन आशान का जन्म (Birth of poet Kumaran Ashan) हुआ। वे आधुनिक मलयालम साहित्य (Malayalam Literature) के प्रमुख स्तंभों में गिने जाते हैं। उन्होंने अपने साहित्य में सामाजिक कुरीतियों, जातिवाद और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उनकी कविताओं ने न केवल साहित्यिक योगदान दिया बल्कि समाज को जागरूक करने का भी कार्य किया। आशान का लेखन साधारण जनता की पीड़ा और आशाओं को प्रकट करता था। उनकी रचनाओं ने मलयालम कविता को नई दिशा दी और उन्हें "महाकवि" की उपाधि भी मिली।
16 सितंबर 1901 को भारत के असम राज्य (Assam) में पहला तेल शोधन संयंत्र (Refinery) शुरू हुआ। यह भारत की औद्योगिक प्रगति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इस संयंत्र ने भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखी। असम के डिगबोई क्षेत्र में स्थापित यह रिफाइनरी आज भी भारत की ऐतिहासिक धरोहर मानी जाती है। इस घटना ने पूर्वोत्तर भारत के औद्योगिक विकास को गति दी और पूरे देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दिया।
16 सितंबर 1910 को अमेरिका के प्रसिद्ध कथाकार ओ. हेनरी का निधन (O. Henry died) हुआ। वे अपनी लघुकथाओं के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध थे। उनकी कहानियाँ सामान्य जीवन की परिस्थितियों पर आधारित होती थीं, लेकिन उनमें मानवीय संवेदनाओं और अप्रत्याशित अंत का विशेष स्थान था। "द लास्ट लीफ" और "द गिफ्ट ऑफ द मैगी" ("The Last Leaf" and "The Gift of the Magi") जैसी उनकी रचनाएँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। ओ. हेनरी ने कहानी की कला को नया आयाम दिया। उनका लेखन यह दर्शाता है कि साधारण घटनाएँ भी जीवन के बड़े सत्य को उजागर कर सकती हैं।
16 सितंबर 1920 को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 8 क्रांतिकारियों को ब्रिटिश हुकूमत ने फांसी दी (8 revolutionaries were hanged by the British government) । ये क्रांतिकारी अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ रहे थे। उनका उद्देश्य भारत को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराना था। इन वीरों की शहादत ने स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी। ब्रिटिश सत्ता की कठोर नीतियों के बावजूद उन्होंने पीछे हटना स्वीकार नहीं किया। उनकी कुर्बानी ने आने वाली पीढ़ियों को साहस और प्रेरणा दी। यह घटना भारतीय इतिहास में अमर बलिदान के रूप में दर्ज है।
16 सितंबर 1933 को सोवियत संघ ने पहला रॉकेट इंजन सफलतापूर्वक परीक्षण किया (Soviet Union successfully tests first rocket engine) । यह घटना अंतरिक्ष युग की शुरुआत की दिशा में अहम थी। इस प्रयोग ने आगे चलकर स्पेस रेस और उपग्रह प्रक्षेपण कार्यक्रमों को जन्म दिया। इसी नींव पर सोवियत संघ ने बाद में "स्पुतनिक" और "यूरी गागरिन" जैसी ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं। 16 सितंबर का यह वैज्ञानिक मील का पत्थर पूरी मानवता के लिए अंतरिक्ष की ओर बढ़ने की प्रेरणा बना।
16 सितंबर 1995 को पहली बार "अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन दिवस" ("International Ozone Day") मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र ने 1987 में किए गए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) को याद करते हुए इस दिन को पर्यावरण संरक्षण के लिए चुना। इसका उद्देश्य लोगों को ओज़ोन परत की रक्षा करने के प्रति जागरूक करना है। ओज़ोन परत पृथ्वी को हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है। अगर यह परत नष्ट हो जाए तो पृथ्वी पर जीवन के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। इस दिन का संदेश है कि हमें प्रकृति और पर्यावरण को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।
16 सितंबर को विश्व वन्यजीव संरक्षण (World Wildlife Conservation) की दृष्टि से भी विशेष माना जाता है। इसी दिन प्राइमेट्स विशेषज्ञ डॉ. जेन गुडाल (Primates expert Dr. Jane Goodall) ने अफ्रीका में गोरिल्लाओं और चिंपैंजियों के संरक्षण के लिए अपना अभियान शुरू किया था। उन्होंने जंगलों में रहकर इन जीवों के जीवन और व्यवहार का अध्ययन किया। उनके शोध ने मानव और वन्यजीवों के बीच संबंधों को समझने में नई दिशा दी। यह दिन हमें याद दिलाता है कि धरती पर हर प्राणी का अस्तित्व जरूरी है और उनका संरक्षण मानवता की जिम्मेदारी है।
16 सितंबर 1934 को ब्रिटेन में ब्रायन एपस्टीन का जन्म (Brian Epstein was born) हुआ। वे प्रसिद्ध संगीत बैंड "द बीटल्स" के मैनेजर थे। उनकी मैनेजमेंट स्किल और रणनीतियों ने बीटल्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उन्होंने संगीत उद्योग में नए प्रयोग किए और कलाकारों की छवि निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ब्रायन एपस्टीन की वजह से बीटल्स 1960 के दशक का सबसे प्रभावशाली बैंड बन पाया। वे आज भी संगीत प्रेमियों के बीच याद किए जाते हैं।
16 सितंबर 1955 को भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. शांति स्वरूप भटनागर का निधन (Scientist Dr. Shanti Swarup Bhatnagar Passed Away) हुआ। उन्हें "भारतीय विज्ञान के जनक" ("Father of Indian Science") के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत में वैज्ञानिक शोध संस्थानों की स्थापना में अहम योगदान दिया। वे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के पहले महानिदेशक बने। उनके सम्मान में "शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार" दिया जाता है जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पुरस्कारों में से एक है। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा है कि विज्ञान राष्ट्र निर्माण की धुरी है।