History Of 28th August [Sora Ai] 
इतिहास

28 अगस्त इतिहास के पन्नों में क्यों है खास?

28 अगस्त का दिन इतिहास में कई अहम घटनाओं का साक्षी रहा है। इस दिन भारत और विश्व में राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक और वैज्ञानिक बदलावों ने जन्म लिया। महान व्यक्तित्वों के जन्म, महत्वपूर्ण निर्णयों और यादगार घटनाओं ने इसे इतिहास के पन्नों में खास बना दिया।

न्यूज़ग्राम डेस्क

28 अगस्त का दिन इतिहास में कई अहम घटनाओं का साक्षी रहा है। इस दिन भारत और विश्व में राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक और वैज्ञानिक बदलावों ने जन्म लिया। महान व्यक्तित्वों के जन्म, महत्वपूर्ण निर्णयों और यादगार घटनाओं ने इसे इतिहास के पन्नों में खास बना दिया।आइए जानते हैं 28 अगस्त (History Of 28th August) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।

28 अगस्त 1963: "I Have a Dream" मार्टिन लूथर किंंग की मशहूर स्पीच

Dr. Martin Luther [Wikimedia Commons]

28 अगस्त 1963 को वाशिंगटन D.C में अस्तित्व-अधिकार रैली के दौरान, डॉ॰ मार्टिन लूथर (Dr. Martin Luther) किंंग जूनियर ने अपने प्रसिद्ध "I Have a Dream" भाषण से लाखों दिलों को प्रेरित किया। यह भाषण अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन का मील का पत्थर बन गया। लगभग 2 लाख लोग लिंकन मेमोरियल के सामने एकत्रित हुए, जहां किंंग ने स्वतंत्रता, समानता और न्याय का ज्वलंत संदेश दिया, "आपकी त्वचा के रंग से नहीं, बल्कि आपके चरित्र से आपको आंका जाएगा" की पंक्तियाँ आज भी इतिहास में गूंजती हैं।

28 अगस्त 1955: एम्मेट टिल की निर्मम हत्या

Dead BodyOf Emmett Till [Wikimedia Commons]

इस दिन, मिसिसिपी के मनी शहर में 14-वर्षीय अफ्रीकी-अमेरिकी किशोर एम्मेट टिल (Emmett Till) को गहरे नस्लीय भेदभाव और क्रूरता का शिकार बनकर मार डाला गया। एक दुकान में कथित तौर पर एक सफ़ेद महिला पर मुस्कुरा दिए जाने की तीखी प्रतिक्रिया में उसे अगवा कर बेरहमी से हत्‍या करके नदी में फेंक दिया गया। इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश को जन्म दिया और अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन को नई दिशा प्रदान की।

28 अगस्त 1937: टॉयोटा मोटर कॉर्पोरेशन का गठन

Toyota Motor Corporation [Wikimedia Commons]

जापान (Japan) में ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास का बड़ा क्षण 28 अगस्त 1937 को आया, जब कीइचिरो टोयोडा (Keiichiro Toyoda) ने टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन (Toyota Motor Corporation) की स्थापना की। यह कंपनी पहले टोयोडा ऑटोमैटिक लूम वर्क्स का अंग थी, लेकिन अभिनय के निर्णय से मशहूर हो गई। आगे चलकर टोयोटा ने उत्पादन प्रणाली (Production System) के माध्यम से वैश्विक मानकों को चुनौती दी और ऑटोमोबाइल निर्माण में अग्रणी कंपनी बनी।

28 अगस्त 1845: ‘Scientific American’ का पहला अंक प्रकाशित हुआ

‘Scientific American’ [Wikimedia Commons]

विज्ञान और तकनीक प्रेमियों के लिए यह दिन इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि 28 अगस्त 1845 को Rufus M. Porter द्वारा स्थापित ‘Scientific American’ मैगज़ीन का पहला अंक प्रकाशित हुआ। यह संचार माध्यम अमेरिका में सबसे लंबा लगातार प्रकाशित होने वाला विज्ञान जर्नल बन गया। प्रारंभ में यह एक साप्ताहिक समाचारपत्रिका थी, जिसने आज तक वैज्ञानिक जानकारी और खोजों को आम जनता तक पहुँचाया।

28 अगस्त 28 अगस्त1904: कलकत्ता-बैरकपुर कार रैली का आयोजन

28 अगस्त 1904 को भारत में बैरकपुर तक पहली कार रैली का आयोजन किया गया, जो कलकत्ता से प्रारंभ हुई थी। यह घटना भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास में एक नया अध्याय खोलने वाली थी। उस समय कारें विलासिता की वस्तु मानी जाती थीं, इस रैली ने आधुनिक परिवहन और तकनीक की ओर भारतीय दृष्टिकोण को प्रभावित किया।

28 अगस्त 1914: हेलिगोलैंड बाइट का प्रथम नौसैनिक युद्ध

प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत में, 28 अगस्त 1914 को हेलिगोलैंड बाइट में ब्रिटिश और जर्मन नौसैनिक बलों के बीच एक पहली निर्णायक लड़ाई हुई। यह लड़ाई उत्तर सागर में जर्मन गश्ती दलों पर ब्रिटिश हमले के तौर पर जानी जाती है। इस लड़ाई में ब्रिटिशों को महत्वपूर्ण विजय मिली और इससे मित्र देशों की नौसैनिक श्रेष्ठता स्थापित हुई।

28 अगस्त 1928: स्मृति “नेहरू रिपोर्ट” की सिफारिशें

Nehru Report 1928 [Wikimedia Commons]

28 अगस्त 1928 को नेहरू रिपोर्ट (Nehru Report 1928) की सिफारिशें प्रस्तुत की गईं। इस रिपोर्ट के ज़रिए डॉ. जवाहरलाल नेहरू ने भारतीय संविधान की रूपरेखा सुझाई, जिसमें अधिकार और संस्थागत संरचना पर विचार शामिल थे। यह रिपोर्ट स्वतंत्रता आंदोलन में एक संवैधानिक मील का पत्थर थी और आगे के संवैधानिक विकास को प्रभावित करने वाली बनी।

28 अगस्त 1986: भाग्यश्री थिप्से भारत की पहली महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर

Bhagyashree Thipsay [X]

28 अगस्त 1986 को भाग्यश्री थिप्से (Bhagyashree Thipsay) ने शतरंज में भारत की पहली महिला ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने 1985 से 1994 तक कई राष्ट्रीय और एशियाई प्रतियोगिताएं जीतकर यह मुकाम हासिल किया। यह उपलब्धि भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी और खेल जगत में लैंगिक समानता के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश रही।

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