How EVM Works : एक कंट्रोल यूनिट से चार से ज्यादा बैलेट यूनिट को नहीं जोड़ा जा सकता है। (Wikimedia Commons) 
अन्य

कैसे जानें ईवीएम में किस उम्मीदवार का नाम किस नंबर पर आएगा

लोगों का यह जानना बहुत जरूरी हैं कि ईवीएम में किस उम्मीदवार का नाम पहले और किसका बाद में आएगा। लेकिन आपको बता दें इसे लेकर कोई असमंजस नहीं है क्योंकि चुनाव आयोग ने पहले से ही नियम और मानक तय किए हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

How EVM Works : इस वर्ष लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान अब समाप्त हो चुका है। इस चरण में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 96 सीटों पर वोट हुआ। वोट डालने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम का उपयोग किया जाता है। ईवीएम वोट डालने और वोटों की गिनती करने के काम में सहायता करती है। ईवीएम को लेकर आपस में कई बार चुनावी दलों के बीच बहस भी छिड़ जाती है। मतदान से पहले लोगों का यह जानना बहुत जरूरी हैं कि ईवीएम में किस उम्मीदवार का नाम पहले और किसका बाद में आएगा। लेकिन आपको बता दें इसे लेकर कोई असमंजस नहीं है क्योंकि चुनाव आयोग ने पहले से ही नियम और मानक तय किए हैं। तो आइए जानते हैं किस आधार पर यह तय होता है कि उम्मीदवार का नाम ईवीएम पर किस स्थान पर चिन्हित रहेगा।

राजभाषा से होता है तय

राज्यों में सरकारी कामकाज की जो भाषा होती है, उसके वर्णक्रम के अनुसार ही उम्मीदवारों के नाम लगाए जाते हैं। जैसे यदि चुनाव पंजाब में कराया जा रहा है तो गुरुमुखी लिपि की वर्णमाला के अनुसार ही उम्मीदवारों के नाम ईवीएम में सेट किए जाएंगे। मेट्रो शहरों में हिंदी या उस राज्य की भाषा के साथ अंग्रेजी में उम्मीदवारो के नाम लिखे जाते हैं, ताकि वहां रहने वाले सभी मतदाता आसानी से पढ़ सकें।

मेट्रो शहरों में हिंदी या उस राज्य की भाषा के साथ अंग्रेजी में उम्मीदवारो के नाम लिखे जाते हैं (Wikimedia Commons)

क्या है क्रम

ईवीएम में पहले राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों के नाम होते हैं। उसके बाद पंजीकृत मान्यता प्राप्त पार्टियों के उम्मीदवारों के नाम आते हैं। तीसरे नंबर पर पंजीकृत गैर मान्यताप्राप्त दलों के उम्मीदवारों के नामों को रखा जाता है। इनके बाद निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम रहते हैं। सबसे आखिरी में मतदाताओं के लिए नोटा का विकल्प रखा जाता है। सभी हिस्सों में चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक ही उम्मीदवारों के नाम लगाएं जाएंगे।

एक ईवीएम में कितने नाम होते हैं

एक ईवीएम से 64 उम्मीदवारों के लिए वोटिंग की जा सकती है। दरअसल, एक यूनिट से केवल 16 उम्मीदवारों के लिए वोटिंग की जा सकती है और एक कंट्रोल यूनिट से चार से ज्यादा बैलेट यूनिट को नहीं जोड़ा जा सकता है। यदि किसी निर्वाचन क्षेत्र में 64 से ज्यादा उम्मीदवार है तो ऐसे में वहां पर चुनाव आयोग ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से वोटिंग कराने का फैसला ले सकता है।

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी