Lok Sabha Election Result 2024 : सबसे पहले पोस्टल बैलट और इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट की गिनती होती है। इसमें करीब आधा घंटा लगता है। (Wikimedia Commons)  
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कैसे होती है वोटों की गिनती? सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना

मतगणना वाले दिन सुबह 7 बजे के करीब प्रत्येक दल के उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है। इस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर भी मौजूद रहते हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का नतीजा बस कुछ घंटे ही दूर है। 4 जून को मतगणना के साथ पता लग जाएगा कि सरकार किसकी बन रही है। आइए जानते हैं मतगणना वाले दिन क्या-क्या होता है? कैसे होती है वोटों की गिनती और कौन करता है? इसके साथ ही जाएंगे कि मतगणना के बाद ईवीएम का क्या होता है?

दरअसल, मतगणना वाले दिन सुबह 7 बजे के करीब प्रत्येक दल के उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है। इस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर भी मौजूद रहते हैं। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है। इसके बाद ईवीएम की कंट्रोल यूनिट काउंटिंग वाली टेबल पर लाई जाती है। ये सब सीसीटीवी के मौजूदगी में की जाती है।

कब शुरू होती है गिनती ?

टेबल पर रखने के बाद प्रत्येक कंट्रोल यूनिट की यूनिक आईडी और सील का मिलान किया जाता है। इसे हर उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट को भी दिखाया जाता है। इसके बाद कंट्रोल यूनिट में बटन प्रेस करने के बाद हर उम्मीदवार का वोट ईवीएम में उसके नाम के आगे दिखने लगता है। आपको बता दें वोट की गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू होती है। रिटर्निंग ऑफिसर के पास के अधिकार होता है कि वह किसी विशेष परिस्थिति में टाइम आगे-पीछे कर सकता है। सबसे पहले पोस्टल बैलट और इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट की गिनती होती है। इसमें करीब आधा घंटा लगता है।

काउंटिंग सेंटर के अंदर मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सुरक्षा कर्मी और एजेंट ही जा सकते हैं। (Wikimedia Commons)

क्या है री-काउंटिंग की प्रक्रिया ?

काउंटिंग सेंटर के अंदर मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सुरक्षा कर्मी और एजेंट ही जा सकते हैं। जब तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी उम्मीदवार के एजेंट को बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती है। यदि किसी उम्मीदवार या उसके एजेंट को डाटा में गड़बड़ी की आशंका है तो वह री-काउंटिंग यानी दोबारा मतगणना की मांग कर सकता है। चुनाव आयोग के अनुसार, जब तक आधिकारिक तौर पर रिजल्ट की घोषणा नहीं हो जाती, तब तक कोई भी उम्मीदवार री-काउंटिंग की मांग कर सकता है।

कौन करता है जीत का ऐलान?

कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के अनुसार, मतगणना पूरी होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर हर उम्मीदवार को मिले वोट का डाटा रिजल्ट शीट में डालते हैं और उसके बाद रिजल्ट की घोषणा करते हैं। इसके साथ ही विजेता उम्मीदवार को जीत का सर्टिफिकेट भी देते हैं।

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