11वीं कक्षा के 6 छात्रों ने 17 उल्कापिंडों की पहचान की

(IANS)

 

बुलंदशहर

विज्ञान

11वीं कक्षा के 6 छात्रों ने 17 उल्कापिंडों की पहचान की

छात्रों के योगदान को उल्का पिंड की वैश्विक समझ के लिए मूल्यवान परिवर्धन के रूप में पहचाना गयाऔर नासा द्वारा स्वीकार किया गया है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: विद्याज्ञान, बुलंदशहर (Bulandshehar) में कक्षा 11 के छह छात्रों ने इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन (आईएएससी) में भाग लिया, जो उल्का पिंड (ऐस्टरॉइड) की पहचान करने के लिए वैश्विक कार्यक्रम है। कुल 1000 खोज में से, विद्याज्ञान के छात्र 17 प्रारंभिक उल्का पिंड खोज की पहचान करने में सक्षम थे, जिनमें से तीन को नासा और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन/अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग (आईएएससी) द्वारा अनंतिम रूप से मान्यता दी गई है।

नासा अगले छह महीनों के लिए पता लगाए गए उल्का पिंड का और निरीक्षण करेगा। शुक्रवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार छात्रों के नाम मयंक कुमार, सुमित किशोरवानी, आदित्य राजपूत, अर्पिता बलियान, विजय प्रतापसिंह, अंश कुमार सिंह हैं।

छात्रों के योगदान को उल्कापिंडों की वैश्विक समझ के लिए मूल्यवान परिवर्धन के रूप में पहचाना गया और नासा द्वारा स्वीकार किया गया है। अमेरिका, ब्राजील, कोलंबिया, इजराइल, मैक्सिको, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत और अन्य सहित 17 देशों के प्रतिभागियों के साथ-साथ कई शोध संस्थानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

--आईएएनएस/PT

अनुराग कश्यप : 'सिनेमा का बागी' और उनकी पहली फिल्म की अनसुनी दास्तान

10 सितंबर को मिला था अमिताभ को 'सदी के अभिनेता' का खिताब, मिस्र के मंच से गूंजी थी भारत की गूंज

पीएम मोदी ने नेपाल की स्थिति को लेकर बुलाई सीसीएस की बैठक, युवाओं की मौत पर चिंता व्यक्त

इतिहास दोबारा लिखा गया: जब दुनिया ने भुला दिया यूनिट 731 का खौफ

10 सितंबर: जाने इस दिन से जुड़ी कुछ खास घटनाएं