न्यूज़ग्राम हिंदी: PwC के एक सर्वेक्षण में यह पता चला है कि भारत मूल की 95% कंपनियां कोविड काल के बाद से नए प्रकार की धोखाधड़ी की समस्याओं से जूझ रही हैं। यह गौर करने वाली बात है कि कंपनियों के डिजिटल सुरक्षा और डाटा सुरक्षा को लेकर जोखिम बढ़ता जा रहा है।
कोविड के समय से हम देख रहे हैं कि डिजिटाइजेशन में बढ़ोतरी हुई है। कई ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने वर्क फ्रॉम होम में काम करने की शैली को अपनाया था। घर बैठे- बैठे डिजिटली सारे काम आसानी से हो रहे थें। ऐसे में ऑनलाइन ठगी के नए -नए माध्यमों का भी आविष्कार हुआ है।
पीडब्ल्यूसी की 2022 की "ग्लोबल इकोनॉमिक क्राइम एंड फ्रॉड सर्वे" के रिपोर्ट में इस बात का पता चलता है कि ऑनलाइन फ्रॉड और क्राइम का स्तर जो बढ़ता जा रहा है वह चिंताजनक है। इस सर्वे में दुनियाभर के 1,296 संगठन मौजूद थे जिसमें 112 भारत से थे। रिपोर्ट इस बात को दर्शाता है कि कोविड में डिजिटल दुनिया में आए बड़े बदलाव ने हमारे सामने सुरक्षा के जोखिमों को भी बढ़ाया है। भारत में 52% कंपनियों ने 24 महीने में धोखाधड़ी और आर्थिक अपराध का सामना किया है। इनमें से 95% कंपनियों का कहना है कि इसमें धोखा देने के नए तरीके मौजूद थे।
भारत में 95% कंपनियों में नए प्रकार की धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं की बात सामने आई है (Wikimedia Commons)
PwC इंडिया के पार्टनर और लीडर, पुनीत गारखेल का कहना है कि धोखाधड़ी रोकने के लिए सुरक्षा के नए तकनीकों में निवेश करने की ज़रूरत है। साथ ही वे कहते हैं कि दो वर्षों में कमज़ोर हुए संगठनात्मक परिधि पर कंपनियों को काम करने की ज़रूरत है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है की कंपनियां इन धोखाधड़ी की घटनाओं के लिए रोकथाम करने का जो प्रयास कर रही हैं वह भी काम कर रहा है। यह अपराध बड़े और छोटे दोनों फर्मों में देखे गए हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आर्थिक अपराध का शिकार बड़ी कंपनियां ज़्यादा हुई हैं।
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