शिक्षा मंत्री प्रधान का दावा, आईआईटी मद्रास की मदद से 2023 तक स्वदेशी 5जी चालू कर देगा भारत IANS
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शिक्षा मंत्री प्रधान का दावा, आईआईटी मद्रास की मदद से 2023 तक स्वदेशी 5जी चालू कर देगा भारत

'विकसित भारत' के विजन को साकार करने में आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों की अहम भूमिका है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

आईआईटी मद्रास की तकनीकी क्षमता की बदौलत भारत वर्ष 2023 के आखिर तक स्वदेशी 5जी को चालू कर देगा। सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह खुलासा किया है। उन्होंने आईआईटी मद्रास की रणनीतिक योजना 2021-27 जारी करने के दौरान यह बात कही।

प्रधान ने कहा कि भारत में समाज को वापस लाभान्वित करने की संस्कृति है और भारत समाज की बेहतरी के लिए अभिनव उपाय करता रहता है। आईआईटी मद्रास की तकनीकी क्षमता की बदौलत भारत वर्ष 2023 के आखिर तक स्वदेशी 5जी को चालू कर देगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यहां आईआईटी मद्रास में 5जी टेस्ट बेड, उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी विकास केंद्र, आईआईटी मद्रास स्थित स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस की रॉकेट फैक्ट्री, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र और आईआईटी मद्रास इनक्यूबेशन सेल के अलावा अन्य शोध केंद्रों जैसे कि सुधा गोपालकृष्णन ब्रेन सेंटर और कैंपस में स्थित प्रथम थ्रीडी-प्रिंटेड हाउस का दौरा किया।

आईआईटी मद्रास की रणनीतिक योजना के अंतर्गत संस्थान के लिए एक महत्वाकांक्षी विकास चरण का प्रस्ताव किया गया है और इसके साथ ही उन्होंने क्वांटम विज्ञान के लिए एम्फैसिस सेंटर को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने ऊर्जा खपत कम करने में एमएसएमई की मदद करने के लिए 'कोटक-आईआईटी (एम) ऊर्जा बचाओ मिशन' का भी आरंभ किया जिसके लिए कोटक से सीएसआर फंडिंग सहायता प्राप्त हो रही है।

मंत्री ने टीवीएस मोटर कंपनी से सहायता प्राप्त और आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित स्वदेशी जीडीआई इंजन और आईआईटी (एम) में इनक्यूबेट की गई किफायती सब्जी गाड़ी का भी उद्घाटन किया। निदेशक, आईआईटी मद्रास, प्रो. वी. कामाकोटी, प्रो. महेश पंचगनुला, प्रो. ए. रमेश, प्रो. अभिजीत देशपांडे और आईआईटी मद्रास के छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि आईआईटी सिर्फ शैक्षणिक संस्थान ही नहीं हैं, बल्कि वे वैज्ञानिक सोच विकसित करने और मानवता का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने वाले मंदिर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज को समस्त आईआईटी से काफी उम्मीदें हैं। आईआईटी में शिक्षा प्राप्त करने वाले हमारे विद्यार्थियों को प्रगति और विकास का पथ प्रदर्शक बनना होगा। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया ब्रेन रिसर्च सेंटर से लाभान्वित होने के लिए आईआईटी मद्रास आएगी। थ्रीडी-प्रिंटिंग तकनीक जैसे नायाब आइडिया निर्माण क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं, विस्थापन के मुद्दों को हल करने में काफी मदद कर सकते हैं और गरीबों को सम्मानजनक जीवन दे सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी से 'पंच प्राण' अपनाने की अपील की है। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और 'विकसित भारत' के विजन को साकार करने में आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों की अहम भूमिका है। अगले 25 साल हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। 'अमृत काल' में प्रवेश करते समय हम एक ऐसे देश को पछाड़ कर उससे आगे निकल गए, जिसने हमें उपनिवेश बना लिया था। भारत अभूतपूर्व गति से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि काफी तेजी से विकसित हो रहे भारत की घरेलू जरूरतें अत्यंत बड़ी होंगी जिन्हें हमारे समस्त आईआईटी को पूरा करना होगा।

(आईएएनएस/HS)

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