न्यूजग्राम हिंदी: अग्रणी स्मार्टफोन और स्मार्ट टीवी ब्रांड शाओमी (Xiaomi) ने गुरुवार को सौरव गांगुली फाउंडेशन (एसजीएफ) और चाइल्ड राइट्स एंड यू (सीआरवाई) के साथ साझेदारी में अपनी हैशटैग बैक टु स्कूल नागरिकता पहल की घोषणा की। इसका उद्देश्य उच्च-माध्यमिक कक्षाओं में 1,600 वंचित बच्चों को सहायता प्रदान करना है। इस साझेदारी के माध्यम से कंपनी का उद्देश्य इन बच्चों को अकादमिक समर्थन के साथ सशक्त बनाना है, उन्हें समावेशी सीखने के अवसर प्रदान करना और जल्दी स्कूल छोड़ने की संभावना को कम करना है।
पहल के तहत, शाओमी इंडिया, एसजीएफ और सीआरवाई ने जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के स्कूलों में केंद्र स्थापित किए हैं।
शाओमी इंडिया के अध्यक्ष मुरलीकृष्णन बी ने कहा, "हमारी हैशटैग बैक टु स्कूल (#Backtoschool) पहल के साथ, हम युवाओं को सही शिक्षा समर्थन के साथ सशक्त बनाकर भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहरा रहे हैं। सौरव गांगुली फाउंडेशन और सीआरवाई भारत की युवा पीढ़ी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रभावी प्रयास कर रहे हैं और इस साझेदारी के साथ, हम एक ऐसा वातावरण बनाने की आशा करते हैं जो इन बच्चों के जीवन को रचनात्मक तरीके से प्रभावित कर सके।"
कंपनी के अनुसार, बच्चों को उनकी पढ़ाई और जीवन कौशल सत्रों से संबंधित क्षेत्रों में तीन महीने तक परामर्श दिया जाएगा, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
ग्रेड 9 से ग्रेड 12 तक के चिन्हित बच्चों को केंद्र में नामांकित किया जाएगा और शिक्षक सहकर्मी समूह अध्ययन, संदेह-समाशोधन सत्र, करियर मार्गदर्शन और परामर्श सत्र आयोजित करेंगे जो बच्चों को शिक्षा, उच्च अध्ययन और करियर के लिए तैयार करने में मददगार साबित होगा।
छात्रों के लिए शुरू की योजना
सौरव गांगुली फाउंडेशन (Saurav Ganguly Foundation) के अध्यक्ष, गांगुली ने कहा, "हमें विश्वास है कि यह कार्यक्रम न केवल बच्चों को आवश्यक कोचिंग के लिए एक अच्छी शुरुआत प्रदान करेगा बल्कि आगे की पढ़ाई करने में भी सक्षम होगा।"
यह पहल छात्रों को उनकी नियमित स्कूली शिक्षा के साथ अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगी।
कंपनी ने कहा कि शिक्षक और प्रशिक्षक उन विशिष्ट विषयों की पहचान करेंगे जिनमें छात्रों को उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए पूरक सहायता की आवश्यकता है और इनपुट प्रदान करेंगे।
सीआरवाई नॉर्थ की रीजनल डायरेक्टर सोहा मोइत्रा ने कहा, "इस साझेदारी के साथ, हम इन बच्चों के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और उनकी शिक्षा और सपनों को पोषित करने के लिए समय पर सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
--आईएएनएस/PT