श्रद्धा वाकर (Shraddha Walker) के पिता विकास वाकर ने शुक्रवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fandavis) से मुलाकात की और निष्क्रियता के लिए पालघर (Palghar) पुलिस की निंदा की। श्रद्धा की हत्या दिल्ली (Delhi) के महरौली (Mehrauli) इलाके में उसके लिव-इन पार्टनर ने कर दी थी और उसके शरीर को कई टुकड़ों में काट डाला था। विकास वाकर ने बाद में मीडियाकर्मियों से कहा कि अगर वसई और नाला सोपारा पुलिस (पालघर जिले में) ने समय पर कार्रवाई की होती, तो उन की बेटी को ऐसी भयानक मौत से बचाया जा सकता था।
वाकर ने कहा, "उसकी मौत के बारे में जानकर मैं और मेरा परिवार हिल गया है। मुझे जबसे पता चला है, तब से मेरी तबीयत खराब रहने लगी है। अगर स्थानीय पुलिस ने मामले की ठीक से जांच की होती, तो मेरी बेटी जिंदा होती।"
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और वसई पुलिस (पालघर) की संयुक्त जांच अब सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने अपनी एकमात्र मांग दोहराई कि मुख्य आरोपी आफताब पूनावाला (Aftab Poonawala) को मृत्युदंड दिया जाए, जो इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में है।
वाकर ने उन पुलिस अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की मांग की, जिन्होंने 23 नवंबर, 2020 की श्रद्धा की शिकायत पर कथित रूप से त्वरित कार्रवाई नहीं की, जब उसने पूनावाला द्वारा जान से मारने और उसके टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी दिए जाने के बाद अपनी जान को खतरा बताया था।
एसओएस पत्र सामने आने के तुरंत बाद (आईएएनएस ने 23 नवंबर को खबर जारी की थी) फड़णवीस ने शिकायत की जांच में कथित देरी की जांच की घोषणा की थी, हालांकि पुलिस सूत्रों ने बाद में कहा कि श्रद्धा ने बाद में शिकायत वापस ले ली थी और पुलिस टीम ने जब उसके घर का दौरा किया था, तो उसने कथित तौर पर पुलिस से मिलने से इनकार कर दिया था।
वाकर से मुलाकात के बाद फड़णवीस ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके परिवार और उनकी बेटी श्रद्धा को न्याय दिलाया जाएगा और आरोपियों को उचित सजा दी जाएगी।
वाकर नवंबर में अपनी बेटी के शरीर के अंग बरामद किए जाने के बाद भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया से मिले थे और उनसे न्याय की तलाश के लिए उनकी दिल्ली यात्रा की व्यवस्था करने और वित्तीय मदद की मांग की थी, जिसे सोमैया ने स्वीकार कर ली थी। इस हत्याकांड ने देश को झकझोर कर रख दिया है।
आईएएनएस/PT