Queen Velu Nachiyar - पति की मौत के बाद हथियार उठा कर अंग्रेजों को धूल चटा कर अपना किला उनसे वापस हासिल किया था।(Wikimedia Commons)
Queen Velu Nachiyar - पति की मौत के बाद हथियार उठा कर अंग्रेजों को धूल चटा कर अपना किला उनसे वापस हासिल किया था।(Wikimedia Commons) 
नारी सशक्तिकरण

लिया पति की हत्या का बदला, प्रधानमंत्री मोदी ने दी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि

न्यूज़ग्राम डेस्क

Queen Velu Nachiyar - देश की आजादी के लिए न जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की बाजी लगाई है। भारत में ब्रिटिश राज के विरोध में सेनानियों की जंग की कहानियां आज भी हमारे रौंगटे खड़े कर देती हैं। ऐसी ही एक कहानी है रानी वेलु नचियार की, जिन्होंने पति की मौत के बाद हथियार उठा कर अंग्रेजों को धूल चटा कर अपना किला उनसे वापस हासिल किया था। रानी वेलु नचियार का जन्म 03 जनवरी 1730 में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार 'मन की बात' में अठारहवीं सदी की महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी वेलु का जिक्र किया। विदेशी शासन के खिलाफ़ संघर्ष करने वाली देश की कई महान विभूतियों में से एक नाम रानी वेलु नचियार का भी हैं।

रानी वेलु युद्धकला में अव्वल थी

रानी वेलु नचियार का जन्म 03 जनवरी 1730 को तमिलनाडु के रामनाथपुरम राजवंश में हुआ था। वह बहादुरी की मिसाल थीं, बचपन में ही मार्शल आर्ट और घुड़सवारी सीख ली थी। वह युद्धकला में भी अव्वल थीं। शादी के बाद जब उनके जीवन में कठिन परिस्थितियां आईं तो बचपन में सीखी हुई हर चीज उनके काम आई।

पति की हत्या का बदला लिया

वेलु नचियार का विवाह शिवगंगा के दूसरे राजा मुथु वडुगनाथ थेवर के साथ हुई थी, जिनसे उनकी एक बेटी भी थी। लेकिन साल 1772 ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। जब अंग्रेजों ने उनके पति की हत्या करके उनके किले पर कब्जा कर लिया था। तब उस वक्त अपनी बेटी के साथ किसी तरह वहां से बच निकली थीं लेकिन उन्होंने बाद में अपने पति को हत्या का बदला लिया और साथ ही साथ अपने किले को वापस भी हासिल किया था।

रानी वेलु ने हैदल अली और मैसूर की सेना की मदद से अंग्रेजों को प्ररास्त किया। (Wikimedia Commons)

बनी पहली महिला शासक

ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, वेलु नचियार ने नवाब और ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों शिवगंगा के पतन के बाद कई साल जंगल में बिताए और हैदर अली के साथ हाथ मिलाकर मैसूर की सेनाओं को साथ मिला लिया। रानी वेलु ने हैदल अली और मैसूर की सेना की मदद से अंग्रेजों को प्ररास्त किया। वेलु नचियार ने पद छोड़ने से पहले एक दशक तक शासन किया और 1796 में उनका निधन हो गया।

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