क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा की दुःखी कर देने वाली कहानी [Wikimedia Commons]

 

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Birthday Special: क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा की दुःखी कर देने वाली कहानी

पुजारा बताते हैं कि उनके क्रिकेटर बनने में उनकी मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है चेतेश्वर मुंबई में 2 महीने के अंदर 20 मैच खेल लेते थे।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के टॉप खिलाड़ियों में चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का नाम भी लिया जाता है। इनका जन्म 25 जनवरी 1988 को राजकोट (Rajkot) में हुआ था। चेतेश्वर पुजारा का अब तक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है और इनके करियर में इनकी मां रीना (Reena) का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

2005 में जब चेतेश्वर अंडर-19 (Under–19) मैच खेलने गए थे तो उन्होंने वहां से अपनी मां से फोन पर बात की और अपनी मां को कहा कि वह उनके पिताजी को बता दें कि वह बस मैच खेलने के लिए जा ही रहे हैं और जब वह स्टेडियम से वापस लौटे तो पिताजी उन्हें स्टेडियम से लेने के लिए आ जाए। लेकिन ठीक अगले दिन जब पुजारा स्टेडियम में पहुंचे तो उनकी मां की मौत की खबर आई। यह खबर सुनकर उन्हें बहुत गहरा सदमा लगा और इसके ठीक 5 साल बाद अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस के बूते पर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। पुजारा बताते हैं कि उनके क्रिकेटर बनने में उनकी मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है चेतेश्वर मुंबई में 2 महीने के अंदर 20 मैच खेल लेते थे, वहीं दूसरी ओर राजकोट में पूरे साल में भी 20 मैच खेलना संभव नहीं था।

राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की तरह ही चेतेश्वर को भी विकेट के सामने दीवार की तरह खड़े हुए देखा गया है। इसी कारण से उन्हें भारतीय क्रिकेट की मॉडर्न दीवार या नई दीवार भी कहा जाता है। गौरतलब है कि वह ना तो वनडे क्रिकेट और न ही टी20 (T20) और आईपीएल में भी कोई भी उन्हें अपनी टीम में नहीं लेना चाहता है। इन सबके बावजूद भी चेतेश्वर ने अपनी एक अलग पहचान बनाई हुई है।

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