न्यूज़ग्राम हिंदी: 7 मार्च 1949 को जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) के डोडा जिले में जन्मे गुलाम नबी आज़ाद हमेशा से ही अपने कुशल व्यक्तित्व के लिए जाने जाते रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद(Ghulam Nabi Azad Birthday) ने कश्मीर विश्वविद्यालय( से अपने मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। वहीं से शुरू हुआ था उनका राजनैतिक सफ़र। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में।
डोडा जिले के सोती गांव में जन्मे गुलाम नबी आज़ाद ने अपनी स्कूली शिक्षा गांव से ही पूरी की। इसके बाद जम्मू से साइंस में डिग्री लिया। 1973 में उन्होंने कांग्रेस कमिटी के सचिव के रूप में काम करना शुरू किया। यहीं से उनके राजनैतिक जीवन की शुरुआत हुई। अपने काम करने के अलग अंदाज के कारण गुलाम साहब को जम्मू कश्मीर के युवा कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। इसी सिलसिले में 1980 में उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से संसदीय चुनाव लड़ा और वह जीते भी। इसके दो साल बाद वे केंद्र के कैबिनेट मंत्रिमंडल में शामिल हुए।
साल 2005 में गुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। यह उनके राजनैतिक जीवन का स्वर्णिम काल था। इसके बाद आगे चलकर उन्होंने पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के रूप में भी काम किया। उन्होंने जम्मू कश्मीर में 5 मेडिकल कॉलेज और कैंसर इंस्टीट्यूट भी बनवाए। 2014 में यूपीए सरकार की हार के बावजूद गुलाम साहब का दबदबा कायम रहा और उन्हें पार्टी की तरफ से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष का काम मिला। कुछ समय बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया।
गुलाम नबी आज़ाद के बगीचों के शौक के बारे में कौन नहीं जानता। पीएम मोदी का कहना है कि गुलाम साहब ने दिल्ली में ही एक छोटा कश्मीर बसा लिया है। गुलाम नबी आज़ाद का कहना है कि वह रिटायरमेंट के बाद अपने प्रदेश की रहेंगे।
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