बीते बुधवार को भारत की सुप्रीम कोर्ट ने यासीन मलिक (Yasin Malik) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। गौरतलब है कि यासीन ने अपना गुनाह स्वीकार किया है, जिसके बाद कोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। सजा सुनाने के बाद से ही यासीन मलिक के पक्षधारी पाकिस्तान ने ट्विटर पर अपना रोना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पाकिस्तान के क्रिकेटर शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) का एक ट्वीट सामने आया है, जिसमें उनका कहना है कि भारत मानवाधिकारों के हनन के विरोध में आवाज उठाने वालों को चुप कराने का प्रयास कर रहा है। भारत की कार्यवाही को व्यर्थ बताते हुए अफरीदी ने आगे कहा, 'यासीन मलिक पर लगाए गए झूठे आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को रोक नहीं पाएंगे।' शाहिद ने ट्वीट में संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया है कि वो कश्मीर के नेताओं के खिलाफ ऐसे अवैध मामलों का संज्ञान लें।
पाकिस्तानी खिलाड़ी के इस तीखे तेवर के बाद भारतीय क्रिकेटर अमित मिश्रा (Amit Mishra) ने करारे जवाब में ट्वीट किया है। ट्वीट में अफरीदी को आड़े हाथ लेते हुए अमित ने कहा, 'डिअर अफरीदी, यासीन मलिक ने कोर्ट में सबके सामने खुद को दोषी कबूल किया है। आपकी जन्मतिथि की तरह सब कुछ गुमराह नहीं हो सकता है।'
यहाँ बात दें कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रन्ट के चेयरमैन और अलगाववादी नेता यासीन मलिक को भारत के सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
यासीन मलिक (Yasin Malik) के ऊपर UAPA की धारा-16 (आतंकवादी गतिविधि में शामिल), धारा-17 (आतंकवादी गतिविधि के लिए धन जुटाना), धारा-18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश करना), धारा-20 (आतंकवादी समूह/संगठन का सदस्य होना), और IPC की धारा-120B (अपराधिक साजिश रचना), धारा-124 A (देशद्रोह) सहित अन्य मुकदमा दायर है।