वैसे तो AI का इस्तेमाल करके अलग-अलग तरीकों से ठगी की जा रही है मगर हाल ही के दिनों में एक नया और अनोखा तरीका सामने आया है। कंप्यूटर का यह नया सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करके शातिर ठग करोड़ों की ठगी कर रहे हैं।
पहले किसी की आवाज की नकल उतारना या मिमिक्री करना मनोरंजन का साधन माना जाता था मगर अब इस डिजिटल युग में लोगो की आवाज की नकल कर के साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है और यह नया धंधा पूरी दुनिया में जोरों-शोरो से बढ़ता जा रहा है।
शुरुआती सालों में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इतने ख़तरे सामने आ रहे हैं तो आगे चलकर तो क्या ही होगा इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। इस नई तकनीक की मदद से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बुजुर्गों को निशाना बनाया जा रहा है और हैरानी की बात तो यह है की उन बुजुर्ग लोगों के रिश्तेदारों की आवाज की नकल कर कर उनसे ठगी की जा रही है।
कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर्स की मदद से आप किसी की भी आवाज को आसानी से क्लोन कर सकते हो, यह बात तो शायद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाने वाले इंजीनियर ने भी नहीं सोची होगी की इस नई क्रांति का इस्तेमाल इस तरीके से भी हो सकता है।
हाल ही में एक और साइबर ठगी से शिकार हुए बुजुर्ग का मामला सामने आया है। यह बुजुर्ग अमेरिका का रहने वाला है जिसने फोन पर अपने पोते को मुसीबत में मदद करने के लिए बताएं गिर निर्देशों के आधार पर $9400 की रकम ट्रांसफर कर दी। बाद में पता चला कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुका है क्योंकि साइबर ठगों ने उसके पोते की आवाज क्लोन कर उस बुजुर्ग से मदद मांगी थी।
ऐसे ही दर्जनों मामले अलग-अलग देशों से सामने आ रहे हैं ऐसे में हम सभी को ऐसे साइबर क्राइम्स से सावधान होने की जरूरत है।