राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) मंगलवार को झारखंड (Jharkhand) में जनजातीय महानायक बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की स्मृतियों को नमन करने उनके गांव उलिहातू पहुंची थीं। राष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान 10 साल के एक बालक दिलीप मुंडा (Dilip Munda) को भी खास मेहमान की तरह बुलाया गया था। बालक के साथ उसकी मां भी थी। राष्ट्रपति ने बालक की पीठ थपथपाई और उसकी मां से हालचाल पूछा। दरअसल यह वो बालक है, जिसे द्रौपदी मुर्मू ने पांच साल पहले उस वक्त गोद लिया था, जब वह झारखंड की राज्यपाल थीं। यह द्रौपदी मुर्मू का गोद लिया हुआ बेटा है।
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांधा कस्बे में रहने वाला दिलीप मुंडा नामक यह बच्चा पांचवीं कक्षा का छात्र है। उसका जन्म विषम परिस्थितियों में हुआ था, लेकिन अब उसके सपने ऊंचे हैं। उसकी मां दिव्यांग है, जो एक नक्सली के शोषण का शिकार हुई थी। यह बच्चा जब दुनिया में आया था तो सवाल यह था कि उसकी परवरिश कौन करेगा? दिलीप के जन्म के बाद उसकी मां की बेबसी की कहानी जब मीडिया में सामने आई तो उस वक्त झारखंड की राज्यपाल रहीं द्रौपदी मुर्मू ने संज्ञान लिया था। उनके निर्देश पर प्रशासन के अफसर मां-बेटे को लेकर रांची स्थित राजभवन पहुंचे थे। मुर्मू ने उसे गोद लेकर उसकी परवरिश और पढ़ाई का जिम्मा लिया था। इसके बाद से उसकी जरूरतें मुर्मू और राजभवन की ओर से पूरी की जा रही हैं। मुर्मू हर दीपावली पर इस बच्चे और उसकी मां के लिए उपहार भेजना नहीं भूलती।
मंगलवार को राष्ट्रपति के दौरे के दौरान दिलीप और उसकी मां को खास तौर पर बुलाया गया था। राष्ट्रपति ने दिलीप से उसकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा। उसे स्नेह दिया और मन लगाकर पढ़ने को कहा। बाद में राष्ट्रपति के ट्वीटर हैंडल से उसकी तस्वीरें भी ट्वीट की गईं। दिलीप फिलहाल धालभूमगढ़ शहर के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। उसकी ख्वाहिश है कि बड़ा होकर डॉक्टर बने।
आईएएनएस/PT