न्यूजग्राम हिंदी: भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय एक्सरसाइज का हिस्सा बन रहे हैं। फ्रांस (France) में चल रहे भारतीय वायु सेना के 'एक्स ओरियन' अभ्यास में पहली बार भारत के बाहर भारतीय वायुसेना के यह राफेल लड़ाकू विमान शामिल हुए हैं। मंगलवार को भारतीय वायु सेना के विमानों ने एथेंस के प्रसिद्ध एक्रोपोलिस और इसके आसपास के स्मारकों पर एक फॉर्मेशन उड़ान भरी। चार सुखोई एमकेआई -30 लड़ाकू विमानों के साथ ग्रीस में आयोजित वायुसेना के युद्धाभ्यास में भाग ले रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस से ही 36 राफेल फाइटर जेट खरीदे हैं। बीते वर्ष दिसंबर में आखरी व 36वां राफेल भारत पहुंचा था। इसी के साथ ही भारत फ्रांस के बीच हुआ राफेल सौदा पूरा हो गया। भारत और फ्रांस के बीच कुल 36 राफेल फाइटर जेट को लेकर सौदा हुआ था और अब भारत को सभी 36 राफेल मिल चुके हैं।
मौजूदा अभ्यास के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की एक टुकड़ी पिछले महीने ही फ्रांस रवाना हो चुकी है। भारतीय वायु सैनिक फ्रांस के मॉन्ट डे मार्सन में फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स (एफएएसएफ) के वायु सेना बेस स्टेशन में आयोजित ओरिअन अभ्यास में भाग ले रहे।
इस अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन 17 अप्रैल से शुरू हुआ है और यह अभ्यास 05 मई तक किया जाना है। अभ्यास के लिए भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में चार राफेल विमान, दो सी-17 और दो 78 विमान तथा 165 वायु सैनिक शामिल किये गए हैं। भारतीय वायुसेना में शामिल हुए राफेल विमानों के लिए यह पहला विदेशी अभ्यास है।
कोप इंडिया 23 (Cope India 23)
इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना और फ्रांस की फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स के अलावा जर्मनी, ग्रीस, इटली, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, स्पेन और अमरीका की वायु सेना भी भाग ले रही हैं। इस अभ्यास के दौरान होने वाली भागीदारी अन्य देशों की वायु सेनाओं से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को आत्मसात करके भारतीय वायु सेना की कार्य शैली तथा धारणा को और समृद्ध करेगी।
इससे पहले भारतीय वायु सेना और अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स एयर फोर्स (यूएसएएफ) के बीच भारत में द्विपक्षीय वायु सेना युद्धाभ्यास शुरू किया गया। भारत और अमेरिका के बीच इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास को 'कोप इंडिया 23 (Cope India 23)' नाम दिया गया है। दोनों देशो की सेनाएं वायु सेना स्टेशन अर्जन सिंह (पानागढ़), कलाईकुंडा और आगरा में यह युद्धाभ्यास कर रह चुकी हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ को बेहतर बनाना और उनकी सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करना रहा।
--आईएएनएस/PT