मैटराइज के डायरेक्टर मनोज कुमार सिंह से बातचीत करते हुए कहा कि एनडीए और महागठबंधन के बीच चुनाव मुकाबला है। यह चुनावी लड़ाई थी कि एक सुशासन के लिए बात कर रहा था और दूसरा रोजगार की बात कर रहा था। बिहार की महिलाएं कहीं-न-कहीं एनडीए (NDA) को फायदा पहुंचा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में महिलाएं ज्यादा वोट देने घर से निकली थीं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ दिख रही थीं। बिहार में एक नई पार्टी जन सुराज आई है। शुरुआत में लगा कि वो एनडीए और महागठंबधन को नुकसान पहुंचा सकती है, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव की तारीख पास आई वैसे-वैसे इनके वोटर पीछे होते गए।
मनोज कुमार सिंह (Manoj Kumar Singh) ने कहा कि जन सुराज ने केवल महागठबंधन के वोट प्रतिशत को नुकसान पहुंचाया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया और उनकी सरकार बन सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है, बिहार में फिर से एनडीए की सरकार आ रही है।
उन्होंने कहा कि माना गया था कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एसआईआर मुद्दे को लेकर महागठबंधन को फायदा हो सकता है। लेकिन, ऐसा कुछ भी एग्जिट पोल में देखने को नहीं मिला। सीएम नीतीश कुमार की लोकप्रियता, महिला मतदाताओं का समर्थन और पीएम मोदी के साथ ही सीएम नीतीश के चलते एनडीए अच्छे तरीके से आगे बढ़ती गई।
मनोज कुमार सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी को चुनाव में दिखना चाहिए था, उस तरह से नहीं दिखाई दिए, इसलिए भी महागठबंधन को नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही महागठबंधन के ही अंदर आपसी लड़ाई भी देखी गई थी।
बता दें कि ये आंकड़े चुनावी नतीजे नहीं हैं। बिहार (Bihar) में किसकी सरकार बनेगी, यह 14 नवंबर को ही स्पष्ट होगा।
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