By: शुभम् थोरात
लोकसेना हिंद पार्टी ने, जो दिल्ली के नागरिकों के अधिकार और कल्याण के लिए आवाज़ हमेशा उठाती रही है, डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डी.डी.सी), जो की दिल्ली सरकार का एक महत्वपूर्ण थिंक टैंक है, का कामकाज ठप्पा होने पर गंभीर चिंता जताती है।
डी.डी.सी, जिसे सतत विकास पर सरकार को सलाह देने का एक बड़ा जिम्मा है, वर्तमान में अपने कर्तव्यों में असफल दिख रही है। उदाहरण स्वरूप, डी.डी.सी की वेबसाइट बंद पड़ी है, जिससे नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी की पहुंच और पारदर्शिता बाधित हो रही है।
इसके अलावा, डी.डी.सी के अंदर भारी अनियमितताएं भी सामने आई हैं, जिसमें गैर-आधिकृत सदस्य जैसे की गोपाल मोहन, अस्वति मुरलीधरन, और विजय चंद्र वुप्पुतुरी, जिनकी जिम्मेदारियों में स्पष्टता की कमी है, को अनुचित वेतन देना भी शामिल है।
यह खुलासा कि गोपाल मोहन और अश्वति मुरलीधरन प्रतिमाह ₹3,80,250 का वेतन ले रहे हैं, जो की भारत सरकार के सचिव के वेतन जितना है, वो भी बिना किसी परिभाषित जिम्मेदारियों के, देश के मेहनत से कमाई करने वाले करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है।
लोकसेना हिंद पार्टी के अध्यक्ष, डॉ. मुनीश रायजादा, ने दिल्ली के उपराज्यपाल जी को इस विषय में त्वरित कार्रवाई करने और इन विसंगतियों का तत्काल निवारण करने के लिए आग्रह किया है। पार्टी ने डी.डी.सी की अक्षमता और जनधन के दुरुपयोग के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को जोर दिया है। डॉ. रायजादा ने यह भी कहा कि डी.डी.सी एक सफेद हाथी की तरह है - जो भारतीय नागरिकों के मूल्यवान धन का बड़ा हिस्सा चुराता है, लेकिन जिसका कामकाज शून्य के बराबर है।
लोकसेना हिंद पार्टी दिल्ली के लोगों के अधिकार और हितों की रक्षा के लिए मज़बूती से खड़ी है। पार्टी सरकार से अपील करती है कि वे त्वरित और निर्णयकारी कदम उठाएं और डी.डी.सी के अंदर हुए कमियों को सुधारें, जिससे संस्था में जवाबदेही, पारदर्शिता, और सार्वजनिक संसाधनों का जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित हो।
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