बिहार की राजनीति में इस समय एक नाम सुर्ख़ियों में है, वो नाम है मिंता देवी (Minta Devi)। इस नाम को सुर्ख़ियों आने की वजह भी अनोखी है। बिहार की नई वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 124 साल (124 years) दर्ज कर दी गई। यह मामला तब और चर्चा में आया, जब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा संसद में उनकी तस्वीर और नाम वाली टी-शर्ट पहनकर पहुंचीं। टी-शर्ट के आगे लिखा था “मिंता देवी” और पीछे लिखा था “124 नॉट आउट”। यह नजारा देखने के बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई।
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची (Voter list) का विशेष गहन पुनरीक्षण करवाया। इसके तहत 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट (Voter list) जारी हुई। इसी लिस्ट में सिवान जिले के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में रहने वाली मिंता देवी का नाम पहली बार दर्ज हुआ। लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि उनकी उम्र 124 साल लिखी गई थी। लिस्ट में उनके पति का नाम धनंजय कुमार सिंह दर्ज था और मकान नंबर वाले कॉलम में भी यही नाम लिखा था।
कांग्रेस का कहना है कि मिंता देवी (Minta Devi) का मामला कोई अकेला उदाहरण नहीं है, बल्कि बिहार की वोटर लिस्ट में कई गंभीर गड़बड़ियां हैं। कांग्रेस ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि यह वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का नया तरीका है। उनका दावा है कि SIR प्रक्रिया के बाद ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां मृत लोगों के नाम, गलत उम्र और फर्जी वोटर शामिल किए गए हैं।
विवाद बढ़ता देख कर सिवान के जिलाधिकारी कार्यालय ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि मिंता देवी का नाम ऑनलाइन आवेदन के जरिए जोड़ा गया था, लेकिन फॉर्म भरते समय गलती से उनकी उम्र 124 साल (124 years) लिख दी गई। ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) ने यह गलती लिस्ट जारी होने के बाद नोटिस की और मिंता देवी से संपर्क किया। 10 अगस्त 2025 को मिंता देवी ने फॉर्म-08 भरकर अपनी सही उम्र दर्ज करने का अनुरोध किया। आधार कार्ड के अनुसार उनकी उम्र 34 साल 5 महीने है। यानी यह मामला एक टाइपिंग मिस्टेक का नतीजा था।
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मिंता देवी (Minta Devi) के पति धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि इस मुद्दे के बाद सुबह से उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की जन्मतिथि 15 जुलाई 1990 है और उन्होंने सही कागज़ात दिए थे। मिंता देवी ने भी कैमरे पर कहा, “हमारा जन्म 15/07/1990 का है। पहली बार वोटर लिस्ट (Voter list) में नाम जुड़वाया है। कागज़ सही दिए थे, गलती टाइपिंग में हुई है। उन्होंने यह भी कहा की अब तो दादी बना दिया हमें, मोदी जी कुछ फायदा तो दें।”
वोट चोरी और SIR प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं ने मिंता देवी की तस्वीर और नाम वाली टी-शर्ट पहनकर विरोध जताया। कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ एक उदाहरण है, जिससे बिहार की वोटर लिस्ट में हो रही अनियमितताएं साबित होती हैं।
SIR प्रक्रिया बिहार में 25 जून से 26 जुलाई तक चली। विपक्षी दलों और चुनाव प्रक्रिया पर काम करने वाले संगठनों का कहना है कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में हुई और इसमें कई गलतियां रह गईं। कई मतदाताओं ने आरोप लगाया कि ड्राफ्ट लिस्ट में उनकी तस्वीर गलत है, कुछ नाम मृत लोगों के हैं और कई जीवित लोगों के नाम हटा दिए गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के नाम बड़ी संख्या में लिस्ट से हटा दिए गए हैं।
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग का कहना है कि SIR प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से की गई है और किसी भी योग्य मतदाता को छोड़ा नहीं जाएगा। बीजेपी का भी कहना है कि विपक्ष चुनाव से पहले भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। आयोग ने यह भी साफ किया कि किसी धर्म या समुदाय के आधार पर नाम हटाने का कोई मामला नहीं है।
जैसे ही मिंता देवी की कहानी सामने आई, सोशल मीडिया पर “124 नॉट आउट” ट्रेंड करने लगा। कई लोग इस मामले पर मीम और चुटकुले बनाने लगे, तो कुछ ने इसे वोटर लिस्ट सुधारने का गंभीर सबक बताया। मिंता देवी खुद भी कहती हैं कि अगर उनकी उम्र सच में 124 साल (124 years) होती, तो उन्हें देश से कुछ सम्मान जरूर मिलना चाहिए था।
मिंता देवी (Minta Devi) का यह मामला भले ही एक टाइपिंग गलती निकला हो, लेकिन इससे यह सवाल जरूर उठ खड़ा हुआ है कि वोटर लिस्ट (Voter list) बनाने की प्रक्रिया कितनी सटीक और पारदर्शी है। चुनाव लोकतंत्र का सबसे अहम हिस्सा हैं, और मतदाता सूची में गड़बड़ी चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर सकती है। [Rh/PS]