नीतीश ने बदला पाला, महागठबंधन में हुए शामिल Nitish Kumar (IANS)
राजनीति

नीतीश ने बदला पाला, महागठबंधन में हुए शामिल

नीतीश कुमार एक बार फिर 'पलटीमार' कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर महागठनबंधन के साथ सियासी सफर में आगे बढ़ गए।

न्यूज़ग्राम डेस्क

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर 'पलटीमार' कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर महागठनबंधन के साथ सियासी सफर में आगे बढ़ गए। जदयू जिस तरह पार्टी तोड़ने का आरोप भाजपा पर मढ़ रही है, उससे यह साफ है कि नीतीश कुमार को महाराष्ट्र की कहानी बिहार में दुहराने का डर सताने लगा था। वैसे, नीतीश के लिए अपनी सुविधा से पाला बदलना कोई नई बात नहीं है। इसके पहले भी वे भाजपा का साथ छोड़ते रहे हैं, लेकिन तब से अब की परिस्थितियां बदली हुई हैं।

वैसे, कहा जा रहा है आर.सी.पी. सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से ही जदयू की नाराजगी बाहर आने लगी थी। ऐसे में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के सत्ता गंवाने के बाद सचेत जदयू कोई चांस भाजपा को नही देना चाह रही थी।

भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल बार बार कहते रहे हैं कि जदयू से करीब दोगुनी सीट होने के बाद भी भाजपा ने अपने किए वादे के मुताबिक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया।

जदयू के एक नेता कहते हैं कि भाजपा ने महाराष्ट्र में पहले क्या किया सबने देखा और बिहार में इसकी तैयारी थी। भाजपा ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे को सीएम तो बनाया लेकिन शिवसेना को तोड़ दिया।

भाजपा नीतीश को सीएम बनाकर जदयू को तोड़ रही थी। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को यह बात समझ आ गई कि बिहार में महाराष्ट्र दोहराया जा रहा है।

जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार भी कहते हैं कि जदयू को कमजोर करने की कोशिश की जा रही थी, जिसे गांव का कार्यकर्ता भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने तो यहां तक कहा कि जदयू के खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान की तरह जदयू के खिलाफ एक और साजिश चल रही है। आरोप यह लगे कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के जरिए यह सब हो रहा है।

हालांकि भाजपा इन सभी आरोपों को खारिज कर रही है। भाजपा के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने जदयू को कभी कमजोर नहीं किया बल्कि उसे साथ लेकर चली।

बहरहाल, अब नीतीश ने राजग से अलग होकर फिर से महागठबंधन की सरकार चलाने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में इतना तय माना जा रहा है कि भाजपा के नए सियासी ऑपरेशन से जदयू आशंकित थी।

(आईएएनएस/AV)

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।