SHE चैप्टर  (Sora AI)
राजनीति

SHE चैप्टर: इंदिरा गांधी और एम.ओ. मथाई की रहस्यमयी कहानी

SHE चैप्टर एक ऐसा राज़ है, जो छिपा तो दिया गया, लेकिन आज भी लोगों को हैरान करता है।

Bhavika Arora

SHE चैप्टर क्यों गायब किया गया ?

साल 1978 में एम.ओ. मथाई (M.O. Mathai), जो जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के लंबे समय तक निजी सचिव रहे थे, ने अपनी किताब Reminiscences of the Nehru Age लिखी। लेकिन जब यह किताब छपी, तो उसमें एक जगह लिखा था, “यह चैप्टर हटा दिया गया है।”

यह हिस्सा SHE चैप्टर कहलाया और कहा जाता है कि इसमें इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और मथाई के रिश्ते की बहुत निजी बातें लिखी गई थीं। किताब में वह हिस्सा कभी छपा ही नहीं, लेकिन उसकी कॉपियाँ बाद में बाहर आ गईं और खूब चर्चा हुई।

SHE चैप्टर में क्या लिखा था?

SHE चैप्टर के मुताबिक, मथाई और इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बीच करीब 12 साल तक गुप्त रिश्ता रहा। मथाई का दावा था कि इंदिरा एक सख्त नेता नहीं, बल्कि एक आम औरत थीं जो प्यार और अपनापन चाहती थीं।

मथाई ने लिखा कि एक बार इंदिरा ने खुद उनसे कहा, “मैं तुम्हारे साथ सोना चाहती हूँ, कल जंगल में मिलो।” उन्होंने यह भी बताया कि इंदिरा ने उन्हें सेक्स और शरीर के बारे में किताबें दीं ताकि वह समझ सकें।

उनके रिश्ते में मज़ाक और प्यार भी था। इंदिरा मथाई को “भूपत डकैत” कहती थीं और मथाई उन्हें “पुतली डकैतिन।” एक जगह तो मथाई ने लिखा कि इंदिरा गर्भवती हो गईं और बाद में गर्भपात करवाना पड़ा।

अगर ये बातें सच होतीं, तो 1970 के दशक में ये बहुत बड़ा स्कैंडल बन जाता, क्योंकि उस समय नेताओं से उम्मीद की जाती थी कि उनकी छवि बिल्कुल साफ-सुथरी हो।

स समय नेताओं से उम्मीद की जाती थी कि उनकी छवि बिल्कुल साफ-सुथरी हो।

SHE चैप्टर को कैसे दबाया गया?

भले ही यह चैप्टर किताब में छपा नहीं, लेकिन इसकी मौजूदगी को कई लोगों ने माना। 1981 में भारत की इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के पूर्व चीफ टी.वी. राजेश्वर ने माना कि उन्हें यह SHE चैप्टर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन (M.G. Ramchandra) से मिला था और उन्होंने इसे बिना पढ़े ही इंदिरा गांधी को दे दिया।

थोड़े समय बाद सरकार ने मथाई की किताब पर बैन लगा दिया। वजह दी गई कि इसमें आपत्तिजनक बातें थीं। लेकिन आलोचक मानते हैं कि बैन का असली कारण यही SHE चैप्टर था।

उस समय का राजनीतिक माहौल

यह विवाद ऐसे समय में आया जब इंदिरा गांधी अपने करियर में कई मुश्किलें झेल रही थीं। उन्हें “गुंगी गुड़िया” कहा गया था, इमरजेंसी के बाद उनकी छवि पर सवाल उठे थे, और वे दोबारा अपनी ताकत बनाने में लगी थीं। अगर उस समय SHE चैप्टर सामने आ जाता, तो उनकी राजनीतिक करियर को बहुत बड़ा झटका लग सकता था।

फिर भी, इंदिरा ने इतिहास में अपनी छाप छोड़ी। बांग्लादेश युद्ध में जीत, कांग्रेस पार्टी को अपने नियंत्रण में रखना और प्रधानमंत्री कार्यालय को मज़बूत करना, यही उनकी असली पहचान बनी।

SHE चैप्टर आज भी क्यों चर्चा में है?

आज भी लोग पूछते हैं, क्या SHE चैप्टर में लिखी बातें सच थीं या मथाई की कल्पना? क्या इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने खुद इसे दबवाया ताकि उनकी इमेज खराब न हो? और अगर इसमें कुछ भी गलत नहीं था, तो इसे किताब से हटाया क्यों गया?

अब यह चैप्टर इंटरनेट पर आसानी से मिल जाता है। कुछ लोग इसे सिर्फ गॉसिप मानते हैं, जबकि कुछ इतिहासकार इसे भारत की राजनीति का दबा हुआ सच बताते हैं।

भले ही यह चैप्टर किताब में छपा नहीं, लेकिन इसकी मौजूदगी को कई लोगों ने माना।

निष्कर्ष

SHE चैप्टर की कहानी सिर्फ इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और मथाई (Mathai) के रिश्ते की नहीं है। यह उस दौर की राजनीति को भी दिखाती है, जब नेताओं की छवि बचाने के लिए सच छुपाया जाता था।

सच हो या झूठ, SHE चैप्टर आज भी याद दिलाता है कि सबसे ताकतवर नेताओं की भी एक निजी ज़िंदगी होती है, और कभी-कभी जो छिपाया जाता है, वही सबसे बड़ा राज़ बन जाता है। [Rh/BA]

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