<div class="paragraphs"><p>2023 में पड़ेगी अत्यधिक गर्मी, नरेंद्र मोदी ने की तैयारियों को लेकर बैठक (Wikimedia Commons)</p></div>

2023 में पड़ेगी अत्यधिक गर्मी, नरेंद्र मोदी ने की तैयारियों को लेकर बैठक (Wikimedia Commons)

 

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2023 में पड़ेगी अत्यधिक गर्मी, नरेंद्र मोदी ने की तैयारियों को लेकर बैठक

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस साल आगामी गर्मी के मौसम के दौरान देशभर में अत्यधिक गर्मी की स्थिति की भविष्यवाणी की है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मानसून के पूवार्नुमान, रबी फसलों पर प्रभाव, चिकित्सा बुनियादी ढांचे की तैयारी और गर्मी से संबंधित आपदा की तैयारी और अन्य शमन उपायों के बारे में जानकारी दी गई।

सूत्रों ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिकूल मौसम की स्थिति में अनाज का सर्वोतम स्टोरेज सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, माना जा रहा है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न हितधारकों के लिए अलग-अलग जागरूकता सामग्री तैयार करने के लिए कहा है।

उन्होंने मौसम विभाग को दैनिक मौसम पूवार्नुमान इस तरीके से तैयार करने का आदेश दिया है, जिसकी व्याख्या और प्रसार करना आसान हो। बैठक में सिंचाई जल आपूर्ति, चारा और पेयजल की निगरानी के लिए चल रहे प्रयासों की भी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री को आवश्यक आपूर्ति की उपलब्धता और आपात स्थिति के लिए तैयारियों के संदर्भ में राज्यों की तैयारियों और अस्पताल के बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें गर्मी से संबंधित आपदाओं की तैयारी के लिए देश भर में चल रहे विभिन्न प्रयासों और शमन उपायों के बारे में भी अपडेट किया गया।

गर्मी में झील

मोदी ने कहा कि नागरिकों, चिकित्सा पेशेवरों, नगरपालिका और पंचायत अधिकारियों, आपदा प्रतिक्रिया टीमों जैसे अग्निशमक आदि सहित विभिन्न हितधारकों के लिए अलग-अलग जागरूकता सामग्री तैयार की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने सभी अस्पतालों के विस्तृत फायर ऑडिट की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सभी अस्पतालों में अग्निशामकों द्वारा मॉक फायर ड्रिल की जानी चाहिए। जंगल की आग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत भी बताई गई। इस बात पर चर्चा की गई कि जंगल की आग को रोकने और उससे निपटने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रणालीगत बदलाव किए जाने चाहिए।

आईएएनएस/PT

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