Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी का व्रत करने से भगवान श्रीहरि विष्णु मनुष्य के जीवन से सभी कष्टों को दूर कर अपार पुण्य प्रदान करते हैं। (Wikimedia Commons) 
धर्म

अपरा एकादशी पर लगाएं यह पौधा, सदा बनी रहेगी श्री विष्णु की कृपा

जो लोग इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें जीवन में कभी भी संकटों का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा आपको बता दें इस दिन पौधा जरूर लगाना चाहिए

न्यूज़ग्राम डेस्क

Apara Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में अपरा एकादशी को पुण्यदायी माना गया है। इस दिन श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा होती है। इस बार यह 2 जून, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें जीवन में कभी भी संकटों का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा आपको बता दें इस दिन पौधा जरूर लगाना चाहिए, मान्यता है कि इस तिथि पर पौधा लगाने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है, तो आइए उसके बारे में जानते हैं -

अपरा एकादशी का शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ महीने की एकादशी तिथि 2 जून सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी तथा इस तिथि का समापन अगले दिन 03 जून मध्य रात्रि 02 बजकर 41 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा।

इस तिथि पर केले का पौधा लगाने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। (Wikimedia Commons)

इस दिन जरुर लगाएं यह पौधा

अपरा एकादशी के दिन केले का पेड़ लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही अशुभ ग्रहों का प्रभाव जीवन पर नहीं पड़ता है। दरअसल, कहा जाता है कि केले के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है और इसके बिना भगवान विष्णु की पूजा पूरी नहीं होती है। यह शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए एकादशी पर इसे लगाने का विशेष महत्व है।

अपरा एकादशी का महत्व

अपरा एकादशी का अर्थ होता है अपार पुण्य। पदम पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा उनके वामन रूप में करने का विधान है। ऐसे तो सभी एकादशियां बहुत पुण्य देने वाली मानी गई हैं लेकिन ऐसी मान्यता है कि अपरा एकादशी का व्रत करने से भगवान श्रीहरि विष्णु मनुष्य के जीवन से सभी कष्टों को दूर कर अपार पुण्य प्रदान करते हैं। धर्मग्रंथों में लिखा गया है कि यह एकादशी बहुत पुण्य प्रदान करने वाली और बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाली है। इस व्रत के प्रभाव से ब्रह्म हत्या, भूत योनि, दूसरे की निंदा, परस्त्रीगमन, झूठी गवाही देना, झूठ बोलना, झूठे शास्त्र पढ़ना या बनाना, झूठा ज्योतिषी बनना आदि सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी