न्यूज़ग्राम हिंदी: हिंदू मान्यता में पूजनीय और श्रेष्ठ नदियों में से एक है गंगा। कहते हैं पावन और मोक्षदायनी गंगा नदी में नहाने मात्र से ही व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस नदी को पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भगीरथ ने कठिन परिश्रम किया था। हिंदू कथाओं के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं। उनके अवतरण के दिन को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के रूप में मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से मनुष्य के 10 प्रमुख पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही पितरों को तृप्ति मिलती है और स्वयं को सौभाग्य प्राप्त होता है।
कहा जाता है कि मनुष्य के 10 पापों में से तीन दैहिक, चार वाचिक और 3 मानसिक होते हैं। यदि गंगा दशहरा के दिन सही तरीके से स्नान और पूजा की जाए तो इन पापों से मुक्ति मिल सकती हैं। जानिए इस दिन पूजा और स्नान का सही तरीका।
आपको बता दें कि इस वर्ष गंगा दशहरा और बड़ा मंगल एक साथ होने का दुर्लभ संयोग बन रहा है। कहा जाता है कि ऐसा सत्तर प्रतिशत संयोग गंगा अवतरण के समय भी बना था। इस दिन शुभ मुहूर्त में आप गंगा नदी में स्नान करें। स्नान करते वक्त 3 बार डुबकी लगाइए। डुबकी लगाते वक्त इन मंत्रों का जाप करें, ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से आपके सभी पाप धुल जाएंगे।
इस साल 29 मई सुबह 11:49 बजे से शुरू होगी दशमी और 30 मई दोपहर 1:07 बजे तक रहेगी। इसमें शुभ मुहूर्त 29 मई रात 9:01 बजे शुरू होगा और अगले दिन 30 मई रात 8:55 तक रहेगा। स्नान करने के बाद घी और तिल में सने हुए गुड को जल में डाल दें या फिर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इसके साथ ही मंदिर में जाके गंगा जलाभिषेक करना और अमृत मृत्युंजय का जाप करने के साथ ही स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्रार्थना करना फलदाई होता है।
Ganga Dussehra 2023: गंगा दशहरा के दिन बन रहा है दुर्लभ संयोग, करें ये काम(Wikimedia Image)
पूजा करते वक्त पूजन सामग्री में 10 की संख्या में चीजों को रखिए और पूजा करने के बाद दान करें। यदि आपको धन को समस्या हो रही है तो इस दिन पीले सरसों को गंगा जल से धोकर, कपूर के साथ पीले कपड़े में बांधकर घर के सामने मैन गेट पर लटका दें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी धन संबंधी परेशानी दूर होगी।
पितरों की शांति के लिए इस दिन आप उपाय कर सकते हैं। गंगा नदी में तर्पण कर आप पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
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